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हाईकोर्ट का सरकार को सुझाव : छात्रों की पढ़ाई के लिए शुरु हो नया चैनल, नागपुर-औरंगाबाद में मोबाईल नेटवर्क की परेशानी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा कि फिल्मों व मनोरंजन के सौ अधिक चैनल है। ऐसे में राज्य सरकार केंद्र से चर्चा कर विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए एक अलग चैनल शुरु करने पर विचार करे। जिससे खास तौर से ग्रामीण इलाकों में रहने वाले दिव्यांग विद्यार्थियों को पढ़ाई में मदद मिल सके। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ ने कहा कि कई बार मोबाइल खरीदने की क्षमता न होने व खराब मोबाइल नेटवर्क के चलते बच्चे मोबाइल एप से चलनेवाली ऑनलाइन क्लास में शामिल नहीं हो पाते हैं। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता ने कहा कि जब मैं पिछले दिनों नागपुर व औरंगाबाद गया था तो वहां पर मुझे मोबाइल नेटवर्क नहीं मिला है। एक मुख्य न्यायाधीश के रुप में जब मुझे मोबाइल नेटवर्क नहीं मिला तो ग्रामीण इलाकों में मोबाइल नेटवर्क की अपेक्षा कैसे की जा सकती है। सरकार को विद्याथियों की पढाई के लिए सिर्फ मोबाइल नेटवर्क पर नहीं निर्भर रहना चाहिए। राज्य सरकार को केंद्र सरकार से चर्चा कर विद्यार्थियों की शिक्षा के लिए अलग से चैनल सेटअप शुरु करने पर विचार करना चाहिए। हमारे पास फिल्मों व मनोरंजन के सैकड़ो चैनल है। पर सिर्फ शिक्षा के लिए एक भी चैनल नहीं है।
खंडपीठ ने कहा कि ग्रामीण इलाकों सहित हर घर में टीवी है। ऐसे में यदि शिक्षा के लिए चैनल की शुरुआत की जाएगी तो विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा। कोरोना काल में विद्यार्थियों की पढाई प्राथमिकता के अंतिम पायदान पर नहीं होनी चाहिए। ऑनलाइन शिक्षा शहरीय इलाकों में चल सकती है लेकिन ग्रामीण इलाकों में यह मुश्किल है। लोगों के पास स्मार्ट फोन खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं। आप (सरकार) जूम व गूगल मीट पर क्लास चला रहे हैं। ऐसे में यदि किसी के मोबाइल में नेटवर्क नहीं होगा तो वह कैसे पढेगा। इसलिए शिक्षा के लिए केवल दिव्यांगों के लिए ही नहीं बल्कि सभी विद्यार्थियों के लिए एक अलग चैनल की जरुरत है। खंडपीठ ने कहा कि पहले खेती को लेकर दूरदर्शन पर एक घंटे का कार्यक्रम आता था। यदि ऐसी ही पहल शिक्षा के लिए की जाए तो मोबाइल फोन पर क्लास चलाने की जरुरत नहीं पड़ेगी। खंडपीठ ने कहा कि सरकार रेडियो पर शिक्षा को लेकर टॉक शो शुरु करने पर भी विचार करे। खंडपीठ के सामने अधिवक्ता उदय वारुंजेकर के माध्यम से अनाम प्रेम नामक गैर सरकारी संस्था की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। जिसमें दिव्यांगों की पढाई से जुड़े मुद्दे को उठाया गया है। खंडपीठ ने अब याचिका पर सुनवाई 5 अगस्त को रखी है।
Created On :   2 Aug 2021 8:12 PM IST