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जवानों को डसने जा रहा था सांप, श्वान ने लड़कर बचाई जवानों की जान
डिजिटल डेस्क, धानोरा(गड़चिरोली)। अब तक तो केवल सुना था कि सब प्राणियों में श्वान सबसे अधिक वफादार होता है। अपने मालिक पर आई मुसीबत में वह अपनी जान की परवाह किए बिना ही उसकी रक्षा करता है। इसी का ज्वलंत उदाहरण गड़चिरोली में जवानों कोो देखने को मिला। विशेष अभियान (सी-60) का दल नक्सल खोज मुहिम चला रहा था। वहां एक सांप ने जवानों को डसने का प्रयास किया। तभी श्वान ने सांप के साथ जंग छेड़कर जवानों को तो बचा लिया, पर अपनी जान गंवा बैठा।
जानकारी के अनुसार, धानोरा पुलिस थाने के कर्मी और सी-60 की एक टीम मरकेगांव जंगल परिसर में नक्सली खोज मुहिम चलाने के लिए गई थी। इस पूरी टीम में 40 से 45 जवान के अलावा उनका पालतू श्वान भी था। हालांकि, यह श्वान प्रशिक्षित नहीं था। यह गांव का लावारिस श्वान था, जो अपना ज्यादा से ज्यादा वक्त पुलिस थाने में ही बिताना था। नक्सली खोज मुहिम के दौरान जवानों के आगे श्वान चल रहा था।
जंगल में चलते-चलते इस श्वान ने मण्यार (रसल वाइपर) नामक सांप देखा। सांप दिखते ही श्वान भौंकने लगा। जिसके चलते जवान सतर्क हो गए। उसी वक्त सांप ने जवानों को डसने का प्रयास किया। उन्हें बचाने के लिए श्वान ने सांप को अपने मुंह में ले लिया। इसी दौरान सांप ने श्वान को डंस लिया। वहां खड़े जवानों में से एक जवान ने सांप को मार गिराया और श्वान को धानोरा लाया गया। पशुवैद्यकीय अस्पताल में उसे दाखिल भी करवाया गया, लेकिन श्वान के शरीर में जहर फैल जाने से डाक्टर उसे बचा नहीं पाए। इस एक मूक श्वान ने जवानों की जान बचाकर वफादारी का परिचय दिया।
उल्लेखनीय है कि गड़िचरोली जिले में व्यापक फारेस्ट रेंज हैं। यहां कार्यरत जवानों को जंगल में खतरनाक जंगली जानवरों से बचते हुए नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाना पड़ता है। घटना वाले दिन भी जवानों की टीम अपने अभियान में जुटी हुई थी तभी यह घटना सामने आई।
Created On :   28 Jun 2018 12:59 PM IST