आदित्य ठाकरे ने मुख्यमंत्री को दी बहस की चुनौती, परियोजनाएं दूसरे राज्यों में जाने को लेकर विवाद

Aaditya Thackeray challenged the Chief Minister to debate
आदित्य ठाकरे ने मुख्यमंत्री को दी बहस की चुनौती, परियोजनाएं दूसरे राज्यों में जाने को लेकर विवाद
निशाना आदित्य ठाकरे ने मुख्यमंत्री को दी बहस की चुनौती, परियोजनाएं दूसरे राज्यों में जाने को लेकर विवाद

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य से औद्योगिक परियोजनाओं के गुजरात जाने को लेकर शुरु विवाद के मद्देनजर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के विधायक आदित्य ठाकरे ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को चुनौती देते हुए कहा कि उन्हें टाटा-एयरबस परियोजना के उस उच्च अधिकारी के नाम का खुलासा करना चाहिए जिन्होंने उनसे कहा था कि महाराष्ट्र में माहौल निवेश के जैसा नहीं है। आदित्य ने कहा कि मैं राज्य में औद्योगिक निवेश को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को खुली बहस की चुनौती देता हूं।  

दादर स्थित शिवसेना भवन में आदित्य ने कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार के समय टाटा-एयरबस परियोजना से जुड़े लोगों ने स्पष्ट कहा था कि जहां पर केंद्र सरकार कहेगी वहां पर हमें निवेश करने के लिए जाना पड़ेगा। आदित्य ने कहा कि फडणवीस ने दावा किया है कि वे टाटा-एयरबस परियोजना के लिए साल 2016 से प्रयासरत हैं। उस समय फडणवीस राज्य के मुख्यमंत्री भी थे। इसके बावजूद वे नागपुर के मिहान में टाटा-एयरबस परियोजना नहीं लगावा पाए। यह मुख्यमंत्री के रूप में फडणवीस की विफलता थी। क्योंकि उस समय केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार थी। आदित्य ने कहा कि यदि पहले ही तय हो गया था कि टाटा-एयरबस परियोजना गुजरात में जाने वाली है तो फिर राज्य के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने क्यों कहा कि शिंदे सरकार मिहान में टाटा-एयरबस परियोजना लगाएगी। आदित्य ने कहा कि वेदांता- फॉक्सकॉन परियोजना के लिए भी तत्कालीन उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने कई बार पत्र लिखा था। 

सीएम की बजाय डीसीएम क्यों दे रहे जवाब 

आदित्य ने कहा कि महाराष्ट्र से उद्योग बाहर जाने को लेकर राज्य सरकार पर लगातार आरोप लग रहे हैं। ऐसे में अपेक्षा थी कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे आरोपों का जवाब देते। लेकिन उपमुख्यमंत्री ने राज्य से उद्योग बाहर जाने को लेकर सफाई दी है। इससे यह भी स्पष्ट हो गया है कि गैर संवैधनिक सरकार में किसके पास अधिक पॉवर है। इसके बावजूद मेरी मांग है कि मुख्यमंत्री को जवाब देना चाहिए क्योंकि वे प्रदेश के प्रमुख हैं। आदित्य ने कहा कि मैं औद्योगिक निवेश को लेकर मुख्यमंत्री को आमने-सामने चर्चा के लिए चुनौती देता हूं। 

मुख्यमंत्री क्यों हैं मौनः पटोले 

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार है। इसके बावजूद उद्योग गुजरात में जा रहे थे उस समय मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सो रहे थे क्या? पटोले ने कहा कि राज्य से दो लाख करोड़ रुपए का निवेश और लाखों रोजगार गुजरात में जाने के मामले में मुख्यमंत्री मौन क्यों हैंॽ जबकि उपमुख्यमंत्री खोखला दावा कर रहे हैं। यदि वेदांता-फॉक्सकॉन परियोजना महाविकास आघाड़ी सरकार के समय गुजरात में चली गई थी तो इसी परियोजना को सब्सिडी देने के लिए शिंदे सरकार ने 15 जुलाई 2022 को मंत्रालय में उच्चस्तरीय बैठक क्यों बुलाई थी। इस बारे में फडणवीस को खुलासा करना चाहिए। 

श्रेय लेने उपमुख्यमंत्री आगे

जबकि राकांपा नेता सूरज चव्हाण ने कहा कि राज्य से 2 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाएं दूसरे राज्यों में चली गई हैं। लेकिन जब केवल 2 हजार करोड़ रुपए का निवेश पुणे में आने वाला है तो इसकी घोषणा उपमुख्यमंत्री ने की है। इसका मतलब है कि खराब हुआ तो उसके लिए मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं और अच्छा हुआ तो उपमुख्यमंत्री श्रेय लेते हैं। 

 
गुजरात में ही कैसे जा रही हैं परियोजनाएं- राज ठाकरे 

दूसरी ओर मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में प्रस्तावित परियोजनाएं गुजरात में ही क्यों जा रही हैं? यदि यह परियोजनाएं असम जैसे राज्य में चली गई होती तो मुझे बुरा नहीं लगता। नरेंद्र मोदी पूरे देश के प्रधानमंत्री हैं। उनकी नजर में सभी प्रदेश समान होने चाहिए। राज के बयान पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जवाब देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की नजर में सभी राज्य समान हैं। यदि ऐसा नहीं होता तो आधारभूत ढांचे में मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद सबसे अधिक पैसे महाराष्ट्र को नहीं मिलते।  

 

Created On :   31 Oct 2022 10:48 PM IST

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