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भ्रष्टाचार के ज्यादातर मामलों में साल बीत जाने के बावजूद आरोपपत्र नहीं दायर कर पाई एसीबी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। घूसखोरी के मामले में लोगों के पकड़ने के बाद कानूनी कार्यवाही के मामले में भ्रष्टाचार निरोध ब्यूरो (एसीबी) बेहद कमजोर साबित हो रही है। साल 2021 में एसीबी ने भ्रष्टाचार और घूसखोरी के मामले में 773 मामलों में 1099 आरोपियों पर शिकंजा कसा लेकिन सिर्फ 96 मामलों में ही आरोपपत्र दाखिल कर पाई। 608 मामलों की जांच साल बीत जाने के बाद भी प्रलंबित थी। 53 मामलों में सरकार या संबंधित अधिकारी ने जांच आगे बढ़ाने की भी मंजूरी नहीं दी। साल 2021 में एसीबी सिर्फ 17 मामलों में 18 आरोपियों को सजा दिला पाई। आंकड़ों से साफ है कि लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण का सबसे ज्यादा फायदा भ्रष्टाचारियों को मिला है और पिछले दो सालों में एसीबी सिर्फ 27 मामलों में आरोपियों को सजा दिला पाई है। एसीबी के आंकड़े बताते हैं कि साल 2021 में लॉकडाउन से राहत मिलने के बाद घूसखोरी के मामले एक बार फिर बढ़े हैं। 2020 के 663 के मुकाबले साल 2021 में घूसखोरी के 773 मामले सामने आएं जो बीते साल से करीब 17 फीसदी ज्यादा थी। विभागों की बात करें तो पुणे विभाग में बीते साल सबसे ज्यादा 165 घूसखोरी के मामले सामने आएं जिनमें 235 आरोपियों को दबोचा गया। जबकि औरंगाबाद 130 मामलों 184 आरोपियों और नाशिक 129 मामलों और 173 आरोपियों के साथ दूसरे और तीसरे सबसे भ्रष्ट विभाग रहे।मुंबई में भ्रष्टाचार केसबसे कम46 मामले पकड़े गए।नागपुर, अमरावती में बीते साल भ्रष्टाचार के 72—2 मामले सामने आएं। राजस्व विभाग घूसखोरी के 178 मामले के साथ बीते साल भी अव्वल रहा जबकि 173 मामलों के साथ पुलिसकर्मी भी ज्यादा पीछे नहीं रहे। पंचायत समिति भ्रष्टाचार के 57 मामलों के साथ तीसरे नंबर पर रही। जाल बिछाकर पकड़े गए आरोपियों से एसीबी ने बीते साल घूस में लिए गए 2 करोड़ 64 लाख 19 हजार 881 रुपए बरामद किए हैं।
लगातार कम हो रहे धूसखोरी के मामले बीते साल फिर बढ़े
साल कुल मामले मामलों में सजा
2017 925 54
2018 936 56
2019 891 54
2020 663 10
2021 773 17
Created On :   16 Jan 2022 8:12 PM IST