पीड़िता के विरोधाभासी बयान से आरोपी पति बरी

Accused husband acquitted due to contradictory statement of victim
पीड़िता के विरोधाभासी बयान से आरोपी पति बरी
पीड़िता के विरोधाभासी बयान से आरोपी पति बरी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने पत्नी को दहेज के लिए प्रताड़ित कर उसे आत्महत्या करने के लिए उकसाने के मामले में आरोपी पति को बरी कर दिया है। पीड़िता के दो विरोधाभासी बयान और आरोपी पति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने में हुई देर को मुख्य वजहों में से एक मानकर कोर्ट ने पति को बरी किया। आरोपी का नाम उत्तम श्रावण उइके है। वह चंद्रपुर जिले के मूल का निवासी है। आरोपी गांव के जिला परिषद की स्कूल में शिक्षक था। 24 मई 2005 को उसका विवाह पल्लवी नामक युवती से हुआ था। पल्लवी भी दूसरे गांव के एक जिला परिषद स्कूल में शिक्षिका थी। इसलिए दोनों विवाह के बाद भी अलग-अलग जगह रहते थे। 

दूसरा बयान : दहेज प्रताड़ना से तंग आकर खुद को जलाया
पुलिस में दर्ज मामले के अनुसार आरोपी ने पहले तो पत्नी को मूल में स्थानांतरण कराने का आश्वासन देकर ससुर से 10 हजार रुपए ले लिए, लेकिन स्थानांतरण तो दूर बार-बार पैसों की मांग करने लगा। इससे तंग आकर पत्नी ने 24 मई 2006 को खुद को आग लगा ली। नागपुर के मेडिकल अस्पताल में उसका इलाज चला। पहले बयान में पीड़िता ने पुलिस को किचन में काम करते समय गलती से जल जाने का बयान दिया। बाद में पति द्वारा दहेज मांगने के कारण दबाव में आत्महत्या की बात कही। इसके बाद उसकी मृत्यु हो गई। पीड़िता के पिता ने 30 मई को नागभीड़ पुलिस में आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया। मामले में चंद्रपुर सत्र न्यायालय ने आरोपी को भादंवि की धारा 306 और 498-ए के तहत दोषी मानकर 5 साल जेल की सजा सुनाई। सजा को आरोपी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने उसे राहत दी है। आरोपी की ओर से एड. राजेंद्र डागा ने पक्ष रखा। 

Created On :   10 Feb 2020 8:53 AM GMT

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