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राज ठाकरे के खिलाफ हो सकती है कार्रवाई, गृहमंत्री ने दिए संकेत
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे की 1 मई को औरंगाबाद की सभा में दिए गए भाषण को लेकर मुश्किलें बढ़ने की उम्मीद है। 3 मई तक मस्जिदों पर से लाउडस्पीकर हटाने के लिए अल्टीमेटम देने वाले राज को उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अपने ही अंदाज में फटकारा है। राज्य के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील ने राज के खिलाफ कार्रवाई के संकेत दिए हैं। राज के अल्टीमेटम के सवाल पर सोमवार को नाशिक में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र में कानून का राज है। महाराष्ट्र में किसी की तानाशाही नहीं चलेगी। यदि किसी को लगता है कि मैं ऐसा बोलूंगा तो वैसा हो जाएगा तो ऐसा नहीं चलेगा। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यहां पर मेरी भी तानाशाही नहीं चलेगी। महाराष्ट्र में कानून और नियमों का पालन सभी को करना पड़ेगा। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में केवल मस्जिदों पर से नहीं बल्कि मंदिरों से भी लाउडस्पीकर हटाए गए हैं। यदि महाराष्ट्र सरकार कोई फैसला लेती है तो वह सभी प्रार्थना स्थलों पर लागू होगा। केवल मस्जिदों पर से लाउडस्पीकर हटाने के आदेश दिए जाएंगे तो कोई व्यक्ति अदालत में चुनौती दे सकता है। फिर अदालत सभी प्रार्थना स्थलों के लिए एक ही नियम लागू करने का आदेश दे सकता है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज को पुलिस ने शर्तों के साथ सभा आयोजित करने के लिए अनुमति दी थी। यदि राज ने शर्तों का पालन नहीं किया होगा तो पुलिस जांच के बाद उचित कार्रवाई करेगी। इसमें कोई राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं होगा।
भड़काऊ था राज का भाषणः वलसे पाटील
वहीं पुणे में प्रदेश के गृहमंत्री दिलीप वलसे- पाटील ने कहा कि प्रथमदृष्टयाराज का भाषण दो समुदायों को बंटाने वाला और भड़काने वाला है। औरंगाबाद पुलिस ने राज को नियमों और शर्तों के साथ सभा के लिए अनुमति दी थी। राज ने सभा में किन शर्तों का उल्लंघन किया है, इस बारे में औरंगाबाद के पुलिस आयुक्त निखिल गुप्ता जांच कर रहे हैं। वे कानूनी सलाह लेकर जांच रिपोर्ट को राज्य के पुलिस महानिदेशक को भेजेंगे। बुधवार को पुलिस अफसरों की एक बैठक बुलाई गई है। यदि रिपोर्ट में कोई आपत्तिजनक टिप्पणी मिली तो राज ठाकरे खिलाफ कार्रवाई होगी। वलसे- पाटील ने कहा कि पुलिस की अनुमति से मंदिरों में हनुमान चालीसा का पाठ किया जा सकता है। लेकिन मस्जिदों के सामने कोई हनुमान चालीसा का पाठ करने की कोशिश करके टकराव पैदा करेगा तो उसको सहन नहीं किया जाएगा। वलसे- पाटील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार सुबह 6 बजे से रात को 10 बजे तक लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की अनुमति है।
सुप्रीम कोर्ट से उपर नहीं हैं राज
राज सुप्रीम कोर्ट से ऊपर नहीं हैं जो सरकार को आदेश दें रहे। वलसे-पाटील ने कहा कि यदि दादागिरी करके मस्जिदों पर से लाउडस्पीकर को हटाए गए तो उसका असर मंदिरों पर देखने को मिल सकता है। क्योंकि मंदिरों में कीर्तन रात को 11 बजे तक शुरू रहते हैं। काकड़ आरती सुबह 4 बजे होती है। गणेश उत्सव समेत कई त्यौहारों को रात 10 बजे के बाद अनुमति नहीं मिल पाएगी।
लाउडस्पीकर को लेकर बंद हो तमाशाः पटोले
इस बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा है कि लाउडस्पीकर को लेकर शुरु तमाशा बंद होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ लोग राज्य में लाउडस्पीकर का मुद्दा उठाकर महाराष्ट्र में माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। इस तरह का तमाशा करने वालों को अपना यह खेल बंद करना चाहिए। यह न केवल राज्य को बदनाम करता है बल्कि निवेश को प्रभावित करने के साथ-साथ रोजगार सृजन में बाधा उत्पन्न करता है। पटोले ने कहा है कि राज्य सरकार को उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए जो संविधान में सभी को दी गई धार्मिक स्वतंत्रता पर सवाल खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में कानून का राज है और हमारी सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर काम कर रही है। लेकिन अगर कोई इसका पालन न करते हुए इसका राज्य में अशांति पैदा कर रहा है तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पटोले ने कहा कि मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे को युवाओं को भड़काने की बजाय उन्हें रोजगार देने के बारे में बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए राज ठाकरे का इस्तेमाल कर रही है।
Created On :   2 May 2022 9:55 PM IST