आंबेडकर बोले केंद्र का रवैया शराबी जैसा, मुंबई भाजपा ने फ्री कश्मीर रैली में शामिल होने वाले मंत्री के खिलाफ राज्यपाल को लिखा खत

Action should be taken against minister who attended Free Kashmir rally
आंबेडकर बोले केंद्र का रवैया शराबी जैसा, मुंबई भाजपा ने फ्री कश्मीर रैली में शामिल होने वाले मंत्री के खिलाफ राज्यपाल को लिखा खत
आंबेडकर बोले केंद्र का रवैया शराबी जैसा, मुंबई भाजपा ने फ्री कश्मीर रैली में शामिल होने वाले मंत्री के खिलाफ राज्यपाल को लिखा खत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महानगर भाजपा के महासचिव मोहित भारतीय ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से गेटवे ऑफ इंडिया पर हुए प्रदर्शन में शामिल होने वाले महा विकास अघाड़ी सरकार के एक मंत्री और कई विधायकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। राज्यपाल को लिखे एक पत्र में भारतीय ने आरोप लगाया है कि शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस की महा विकास अघाड़ी सरकार के मंत्री और विधायक ही देश विरोधी प्रदर्शनों में हिस्सा लेकर भारतीय संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं। भारतीय ने कहा कि गेटवे ऑफ इंडिया पर जेएनयू में हुई कथित मारपीट के विरोध में छह जनवरी को विरोध प्रदर्शन किया जिसमें प्रदर्शनकारी "फ्री कश्मीर’ के बैनर लहराए गए थे। सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि संविधान के पालन की शपथ लेने वाले एक मंत्री और कई विधायकों ने भी भाग लिया। भाजपा नेता ने कहा कि मंत्री संविधान के पालन की शपथ लिए हैं। लिहाज़ा संविधान की शपथ लेकर राष्ट्रविरोधी प्रदर्शन में हिस्सा लेना संविधान का उल्लंघन है। 

सीएम ने भेजा था: गृहमंत्री

दूसरी ओर इस मामले को लेकर राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि गृह निर्माण मंत्री जितेंद्र आव्हाड को प्रदर्शन के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने ही भेजा था। आव्हाड का वहां जाना गलत नहीं था। 

केंद्र सरकार का रवैया शराबी जैसा- प्रकाश आंबेडकर

वंचित बहुजन आघाडी के मुखिया प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि आर्थिक संकट से घिरी केंद्र सरकार का रवैया शराबी की तरह है। जैसे शराबी शराब के पैसों के लिए कुछ काम करने के बजाय वो अपने घर के बर्तन और सामान बेचकर शराब पीता है। उसी तरह केंद्र सरकार भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) जैसे नवरत्नों को भेजकर पैसा जुटा रही है। आंबेडकर ने केंद्र सरकार ने पिछले बजट में 24.6 लाख करोड़ रुपए का राजस्व जुटाने का अनुमान व्यक्ति किया था। लेकिन नवंबर 2019 तक सिर्फ 11 लाख करोड़ का राजस्व जुटाया जा सका है। जबकि केंद्र सरकार का चलाने के लिए साल भर का खर्च 13 लाख करोड़ रुपए होता है। अगले साल सरकार चलाने के लिए पर्याप्त पैसे भी नहीं रहेंगे। सरकार को राष्ट्रीकृत बैंक भी कर्ज देने की स्थिति में नहीं है। इसलिए वह सार्वजनिक उपक्रमों को बेच रही है। सरकार के इस फैसला का कोई विरोध न करे। इसके लिए लोगों का ध्यान भटकाने के लिए जेएनयू जैसी हिंसा को अंजाम दिया जा रहा है। भाजपा नई व्यवस्था तैयार करना चाह रही है। आंबेडकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्थिति ऐसी है कि वह अपने देश में ही कैदी की तरह हैं। मोदी असम में नहीं जा सकते हैं। उन्होंने दो बार अपना असम का दौरा रद्द कर दिया है। मैं मोदी को कैदी मानता हूं। वह देश में कैदी की तरह से रह रहे हैं। 
 

Created On :   9 Jan 2020 8:10 PM IST

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