छोटे दुकानदारों की आजीविका पर ही होता है प्रशासन का प्रहार

Administration attacks on the livelihood of small shopkeepers
छोटे दुकानदारों की आजीविका पर ही होता है प्रशासन का प्रहार
विस्थापित करने के बाद भी नपा ठेकेदार वसूलते हैं बैठकी छोटे दुकानदारों की आजीविका पर ही होता है प्रशासन का प्रहार

डिजिटल डेस्क,शहडोल। फुटपाथों और सड़क किनारे छोटी-मोटी दुकानें लगाकर आजीविका उपार्जित करने वाले दुकानदार प्रशासन की ज्यादती से परेशान है। जब मत आता है उन्हें हटा दिया जाता है। न्यू गांधी चौक से बुढ़ार रोड की ओर दक्षिण वन मंडल कार्यालय के सामने सड़क के दोनों ओर अस्थायी दुकानें लगाकर जीविकोपार्जन करने वाले लोग इन दिनों बेरोजगार हो चुके हैं। आफिस व विभागीय अधिकारियों के बंगलों के सामने के दुकानदारों को हटा दिया गया है।

इसके बाद भी यदि कोई टेबिल में सामान रखकर सामान बेचता है तो नगरपालिका के ठेकेदार उनसे भी वसूली करते हैं। हटाए दुकानदारों ने कहा कि आए दिन उन्हें हटा दिया जाता है। फेरी के जरिए रोजगार करते हैं तब भी उनके वसूली की जाती है। उनका तर्क है कि कहीं बैठकर सामान बेंचे तो ठीक है, लेकिन यदि सायकिल से चलते समय सब्जी आदि बेचते हैं तो उनसे वसूली क्यों की जाती है। आरोप हैं कि यदि वसूली की जाती है तो उन्हें जगह दी जाए। यदि नहीं दे सकते तो वसूली बंद की जाए।

इधर मंडी प्रशासन ने थमाई नोटिस-

गंज में पानी टंकी के नीचे दर्जनों लोग दुकानें लगाकर जीविका चलाते हैं। जिनसे नगरपालिका बैठकी वसूलती है। लेकिन पता चला है कि एक दिन पहले कृषि उपज मंडी प्रशासन द्वारा उन्हें दुकानें हटा लेने का नोटिस जारी किया है। कहा जा रहा है कि मंडी प्रशासन की जमीन पर दुकानें लगी हैं तो नगरपालिका क्यों वसूली करती है। यदि वसूली होती है तो उनका संरक्षण भी किया जाना चाहिए। कांग्रेस नेता नीरज द्विवेदी ने प्रशासन से कहा है कि गरीबों को परेशान करना बंद किया जाना चाहिए।
 

Created On :   28 Jun 2022 12:43 PM GMT

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