टैक्सी के बाद अब ऐप के जरिए बुक करा सकेंगे साइकिल, ठाणे से हुई शुरूआत

After Taxi now bicycle will be available through app, starts from Thane
टैक्सी के बाद अब ऐप के जरिए बुक करा सकेंगे साइकिल, ठाणे से हुई शुरूआत
टैक्सी के बाद अब ऐप के जरिए बुक करा सकेंगे साइकिल, ठाणे से हुई शुरूआत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। टैक्सी के बाद अब जल्द ही लोग ऐप के जरिए साइकिल भी बुक करा सकेंगे। फिलहाल ठाणे में यह प्रयोग शुरू किया गया है। अगर सफल रहा तो देश के कई बड़े शहरों में यह साइकिल प्रदूषण, ट्रैफिक मुक्त सड़कों के साथ-साथ सेहतमंद जिंदगी का हिस्सा बन सकती हैं। साइनपोस्ट इंडिया ने ठाणे महानगर पालिका के साथ मिलकर इसकी शुरूआत की है। मैग्नेटिक महाराष्ट्र निवेशक सम्मेलन में इस साइकिल को प्रदर्शित किया गया है। साइनपोस्ट इंडिया के मैनेजिंग पार्टनर सुशील पांडे ने बताया कि साइकिल के लिए प्ले स्टोर से ऐप डाउनलोड करना होगा जिसके बाद 250 रुपए देकर रजिस्ट्रेशन कराया जा सकेगा।

200 रुपए महीना भुगतान
आप 200 रुपए महीना भुगतान कर रोजाना आधे घंटे तक इसका इस्तेमाल सकेगे। इससे ज्यादा समय होने पर प्रति आधे घंटे 10 रुपए के हिसाब से अतिरिक्त शुल्क लगेगा। उन्होंने कहा कि ठाणे में 50 साइकिल स्टेशन बनाए गए हैं जहां इन साइकिलों को खड़ा किया जा सकेगा। इसके लिए ऐप के जरिए ऑनलाइन भुगतान होगा। ठाणे के बाद इसे नया रायपुर और बैंगलुरू शहरों में शुरू करने की योजना है। ऐप के जरिए साइकिल में लगा बारकोड स्कैन करने पर लॉक खुल जाएगा और ग्राहक इसे इस्तेमाल कर सकेंगे। मोबाइल ऐप के जरिए इस बात की जानकारी दी जाएगी कि इसे चलाने के दौरान आपने कितनी शारीरिक ऊर्जा खर्च की और प्रदूषण कम करने में कितना योगदान दिया।

सोलार एनर्जी से चलने वाली साइकिल
विद्यालंकार इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी ने मैग्नेटिक महाराष्ट्र निवेशक सम्मेलन में सोलार एनर्जी से चार्ज होने वाली साइकिल प्रदर्शित की है। चार्ज होने पर इस साइकिल को 25 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से मोटर साइकिल की तरह चलाया जा सकता है। साइकिल धूप के साथ साथ बिजली और डाइनमों के जरिए भी चार्ज किया जा सकता है। साइकिल को घर में आप एक्सरसाइज करते हुए चार्ज कर बाद में सफर कर सकते हैं। चार्ज न हो पाए तो भी कोई परेशानी नहीं इसे दूसरी साइकिलों की तरह पैडल मारते हुए भी चलाया जा सकता है। साइकिल के जरिए एलईडी बल्ब जलाने और पानी का मोटर चलाने जैसे काम भी किए जा सकते हैं।

किसानों को ध्यान में रखकर साइकिल बनाई
प्रोफेसर श्रीकांत वेलेनकर ने बताया कि ग्रामीण इलाकों के किसानों को ध्यान में रखकर यह साइकिल बनाई गई है। इसे लेकर बाजार जाने के बाद किसान साइकिल धूप में खड़ी कर दे तो उसके वापस आने और अगले दिन जाने के लिए साइकिल चार्ज हो जाएगी। धूप में पूरी तरह चार्ज होने में इसे पांच-छह घंटे लगते हैं। चार्ज होने के बाद यह 60 से 75 किलोमीटर तक चल सकती है। फिलहाल इसे बनाने का खर्च 13-14 हजार रुपए आया है लेकिन अगर कोई कंपनी बड़े पैमाने पर निर्माण करे तो इसे 10 हजार रुपए तक में उपलब्ध कराया जा सकेगा। यह साइकिल ग्रामीण इलाकों में बेहद कामयाब हो सकती है।

Created On :   20 Feb 2018 9:28 PM IST

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