10 दिनों में खोल दिए जाएंगे सभी धार्मिक स्थल - प्रकाश आंबेडकर

All religious places will be opened in 10 days - Prakash Ambedkar
10 दिनों में खोल दिए जाएंगे सभी धार्मिक स्थल - प्रकाश आंबेडकर
10 दिनों में खोल दिए जाएंगे सभी धार्मिक स्थल - प्रकाश आंबेडकर

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में मंदिर समेत सभी धार्मिक स्थलों को 10 दिनों में खोल दिया जाएगा। राज्य सरकार ने वंचित बहुजन आघाड़ी (वीबीए) के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर को यह आश्वासन दिया है। सोमवार को वंचित बहुजन आघाड़ी ने विश्व वारकरी सेना और विभिन्न वारकरी संगठनों के साथ मिलकर सोलापुर के पंढरपुर स्थित भगवान विट्ठल और देवी रुक्मिणी के मंदिर खोलने को लेकर आंदोलन किया। इस आंदोलन को देखते हुए सरकार ने आंबेडकर से मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा में भक्तों के प्रवेश के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाने के लिए 8 से 10 दिनों का समय मांगा है। 

इस पर आंबेडकर ने कहा कि हम सरकार को समय देने के लिए तैयार हैं मगर सरकार ने 10 दिनों में धार्मिक स्थलों को शुरू करने का आदेश जारी नहीं किया, तो हम पंढरपुर में दोबारा आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि हम लोग सड़क पर लड़ने वाले लोग हैं। इसलिए सरकार दोबारा आंदोलन करने की नौबत न लाए। इससे पहले आंबेडकर के आंदोलन को लेकर सोलापुर जिला प्रशासन ने कड़ा सुरक्षा बंदोबस्त किया था। आंदोलनकारियों को पंढरपुर मंदिर पहुंचने नहीं दिया गया। आंबेडकर पंढरपुर मंदिर में दर्शन करना चाह रहे थे। लेकिन जिला प्रशासन इसके लिए तैयार नहीं था। आंबेडकर मंदिर का द्वार खोलने के लिए जिद पर अड़ गए। उन्होंने कहा कि मैं किसी भी हालत वहां जाऊंगा। इसके बाद जिला प्रशासन ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से अनुमति लेकर आंबेडकर के साथ आंदोलन करने वाले 15 प्रतिनिधियों को पंढरपुर मंदिर में दर्शन करने के लिए मंजूरी दी। आंबेडकर ने दर्शन के बाद आंदोलन खत्म करने की घोषणा की।  

हिंदुत्व की राह पर वंचित आघाड़ी!

राज्य में मंदिर खोलने के लिए हिंदुत्ववादी संगठन लगातार आंदोलन कर रहे हैं लेकिन इस आंदोलन में आंबेडकर का उतरना वंचित आघाड़ी का हिंदुत्व की ओर झुकाव माना जा रहा है। वंचित आघाड़ी के हिंदुत्व की राह पर चलने के सवाल पर आंबेडकर ने कहा कि हम महात्मा गांधी, महात्मा ज्योतिबा फुले और डॉ बाबासाहब आंबेडकर को गुरु मानते हैं। इन सभी ने धर्म को कभी नकारा नहीं। धर्म जीवन का अविभाजीत अंग है। इन महापुरुषों ने कहा है कि कौन सा व्यक्ति किस धर्म को माने यह उस व्यक्ति पर छोड़ देना चाहिए। धर्म किसी पर लादा जाना नहीं चाहिए। आंबेडकर ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने जनभावना का आदर किया है। उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं कि मुख्यमंत्री के मन में कोरोना फैलने का डर है लेकिन सरकार एसओपी जारी करेगी तो समस्या का समाधान हो जाएगा।  

शिवसेना और कांग्रेस की नाराजगी, समर्थन में भाजपा

मंदिर शुरू करने को लेकर आंबेडकर की ओर से किए गए आंदोलन पर शिवसेना सांसद संजय राऊत ने नाराजगी जताई। राऊत ने कहा कि कोरोना प्रकोप में जिस तरीके से पंढरपुर में भीड़ जमा है उससे ऐसा लग रहा है कि आंबेडकर लोगों को उकसा रहे हैं। जबकि कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि वैश्विक महामारी में समाज के सभी प्रमुख व्यक्तियों को सरकार का साथ देना चाहिए। वंचित आघाड़ी के प्रमुख प्रकाश के नाम के साथ आंबेडकर लगा है। बाबासाहब आंबेडकर ने संविधान लिखा है। इसलिए उनके द्वारा कानून तोड़ने का प्रयास करना दुर्भाग्यपूर्ण है। दूसरी ओर विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर ने आंबेडकर के आंदोलन का समर्थन किया। दरेकर ने कहा कि कोरोना संकट के बीच आर्थिक गतिविधियां भी शुरू होनी चाहिए। 
 

Created On :   31 Aug 2020 8:28 PM IST

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