बिना ना-नुकर के हर हाल में आकर जवाब दें चारों अफसर - हाईकोर्ट का निर्देश,

All the officers should come and answer without any trouble - the directions of the High Court,
बिना ना-नुकर के हर हाल में आकर जवाब दें चारों अफसर - हाईकोर्ट का निर्देश,
बिना ना-नुकर के हर हाल में आकर जवाब दें चारों अफसर - हाईकोर्ट का निर्देश,

डिजिटल डेस्क जबलपुर । प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी, सामान्य प्रशासन विभाग की पीएस दीप्ती गौर मुकर्जी, लोक संचालनालय आयुक्त जयश्री कियावत और लोकसेवा आयोग इन्दौर के चेयरमैन भास्कर चौबे के खिलाफ दायर अवमानना मामले को हाईकोर्ट ने काफी गंभीरता से लिया है। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने शुक्रवार को इन चारों अधिकारियों को कहा है कि वे 30 जून को होने वाली अगली सुनवाई पर हर हाल में हाजिर होकर बताएं कि एक साल से ज्यादा का वक्त बीत जाने के बाद भी उन्होंने कोर्ट के आदेश का पालन क्यों नहीं किया?
अदालत ने यह निर्देश लोक संचालनालय विभाग भोपाल में ज्वाईंट डायरेक्टर के पद पर पदस्थ धीरेन्द्र चतुर्वेदी की याचिका पर दिए। आवेदक का कहना है कि ज्वाईंट डायरेक्ट से एडीशनल डायरेक्टर पद पर पदोन्नति का उनका दावा 2 अगस्त 2017 को खारिज किए जाने के खिलाफ उन्होंने एक याचिका वर्ष 2017 में ही दायर की थी। हाईकोर्ट ने 16 अप्रैल 2019 को मामले पर फैसला सुनाते हुए तीन माह के भीतर याचिकाकर्ता को पदोन्नति देने के निर्देश दिए थे। इस आदेश का पालन न होने पर यह याचिका दायर की गई।
मामले पर शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता आकाश चौधरी ने पक्ष रखा। अदालत ने पाया कि चारों अनावेदकों को 19 फरवरी 2020 को नोटिस जारी हुए थे, लेकिन वे अब तक तामील नहीं हुए हैं। अदालत ने याचिकाकर्ता को नोटिस तामील कराने की जिम्मेदारी देते हुए इस मामले की सुनवाई 30 जून को निर्धारित की। साथ ही चारों अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि उन्हें आकर यह बताना ही होगा कि 16 अप्रैल 2019 को दिए आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया?
 

Created On :   30 May 2020 3:05 PM IST

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