- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- छात्रा को कामुकता से देखने व भद्दे...
छात्रा को कामुकता से देखने व भद्दे शब्दों के इस्तेमाल से जुड़े आरोप करते है छेड़छाड के अपराध का खुलासा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। लड़की को कामुकता से देखने,धक्का देने व उसके लिए भद्दे शब्दों के इस्तेमाल से जुड़ी आरोपी की हरकत को लेकर दर्ज की गई एफआईआर प्रथम दृष्टया छेड़छाड (भारतीय दंड संहिता की धारा 354(1 iV)) के तहत अपराध का खुलासा करती है। बांबे हाईकोर्ट यह बात कहते हुए आरोपी के खिलाफ उपरोक्त आरोपों को लेकर दर्ज एफआईआर को रद्द करने से इनकार कर दिया है। आरोपी ने एफआईआर रद्द करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। आरोपी ने याचिका में दावा किया था कि लड़की के पिता पुलिस में है। इसलिए मनगढंत कहानी गढकर उसे इस मामले में फंसाया गया है। लेकिन शिकायतकर्ता के मुताबिक मामले को लेकर दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि आरोपी ने 20 वर्षीय छात्रा को कामुकता से देखता था। उसका हाथ पकड़ा था। उसे जानबूझकर धक्का भी मारा था। उसके लिए भद्दे शब्दों का इस्तेमाल किया था। इन आरोपों के मद्देनजर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354ए,324, 509,504, व 506 के तहत एफआईआर दर्ज की थी। जिसे रद्द करने की मांग को लेकर आरोपी हेमंत धाले ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे व न्यायमूर्ति पीके चव्हाण के सामने मामले की सुनवाई हुई। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि फिलहाल हम एफआईआर में लगाए गए आरोपों की प्रमाणिकता को नहीं परखेगे लेकिन प्रथम दृष्टया एफआईआर से याचिकाकर्ता के कृत्य से भारतीय दंड संहिता की धारा 354 1(4) के अपराध होने के संकेत मिलते है। लिहाजा हम अभी याचिकाकर्ता (आरोपी) की ओर से अपने बचाव में दी गई दलीलों पर विचार नहीं कर सकते है। खंडपीठ ने कहा कि हम इस बात को भी स्वीकार नहीं कर सकते है कि 20 वर्षीय छात्र के पिता पुलिस में है इसलिए मनगढंत कहानी बनाकर आरोपी को फंसाया गया है। इस तरह खंडपीठ ने आरोपी के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने से इनकार करते हुए उसकी याचिका को खारिज कर दिया।
Created On :   26 Dec 2022 10:23 PM IST