पहाड़ों के बीच आज भी मौजूद है अंग्रेजों का पिकनिक स्पॉट 'कन्नमवार जलाशय'

Among the mountains is still present in the British picnic spot Kannamwar reservoir
पहाड़ों के बीच आज भी मौजूद है अंग्रेजों का पिकनिक स्पॉट 'कन्नमवार जलाशय'
पहाड़ों के बीच आज भी मौजूद है अंग्रेजों का पिकनिक स्पॉट 'कन्नमवार जलाशय'

डिजिटल डेस्क, गढ़चिरौली। अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए रेगड़ी काफी प्रसिद्ध है। किसी जमाने में ये अंग्रेजों का पिकनिक स्पॉट था, लेकिन अब ये उपेक्षा का शिकार है। इसके सौंदर्यीकरण से ये पर्यटन स्थल के रूप में काफी फेमस हो सकता है। इसके माध्यम से जिला प्रशासन को बड़े पैमाने पर राजस्व की प्राप्ति हो सकती है। 
 
गौरतलब है कि रेगड़ी में 1974 में कन्नमवार जलाशय का निर्माण किया गया था। इस जलाशय से परिसर में स्थित गांवों में बसे हजारों किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो रही है। बता दें कि कन्नमवार जलाशय परिसर निसर्गमय वातावरण में होने से इसका सौंदर्य बढ़ जाता है। जलाशय के चारों ओर पहाड़ियां और हरियाली ही हरियाली है। साथ ही 12 महीने बहने वाला झरना पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। कन्नमवार जलाशय जिले का एकमात्र जलाशय होने के कारण यहां पर प्रतिदिन सैकड़ों पर्यटक आते हैं, लेकिन पर्यटकों के लिए किसी भी प्रकार की सुविधा न होने के कारण उन्हें परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। 

विकास होगा तो रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
बता दें कि रेगड़ी में सरकारी आश्रमशाला, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के साथ ही अनेक सरकारी कार्यालय हैं। विशेष रूप से यहां पर कुछ साल पहले पुलिस सहायता केंद्र का निर्माण भी किया गया है। जिस कारण वर्तमान में कन्नमवार जलाशय को देखने के लिए पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ रही है। क्षेत्र के नागरिकों ने कई बार कन्नमवार जलाशय का विकास करने की मांग की। बावजूद इसके प्रशासकीय उदासीनता के कारण कन्नमवार जलाशय क्षेत्र का विकास नहीं हो पाया है। फलस्वरूप अब सरकार वन विभाग के माध्यम से यहां पर वनोद्यान का निर्माण, बुनियादी सुविधा उपलब्ध करवाने की मांग भी उठने लगी है। रेगड़ी क्षेत्र से विकासपल्ली, माडेआमगांव, पोतेपल्ली, देवदा, अडेंगेपल्ली, वेंगनुर, सुरगांव, पडकोटोला, कडमेटोला आदि गांव भी जुड़े हुए हैं। यदि रेगडी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया तो आसपास के गांवों का विकास होने के साथ ही क्षेत्र के युवाओं को रोजगार के संसाधन उपलब्ध हो सकते हैं।

पिकनिक मनाने आया करते थे अंग्रेज
अंग्रेजों के जमाने में रेगड़ी निसर्गरम्य स्थल के तौर पर पहचाना जाता था जहां पर अंगरेज अफसर अक्सर छुट्टियों में पिकनिक मनाने आया करते। वे यहां के नयनरम्य परिसर का लुत्फ उठाते हुए अपनी थकान उतारा करते थे।  रेगड़ी से सटे वेंगनुर गांव में अंग्रेजों के कार्यकाल में उनके अधिकारियों के कार्यालयों का निर्माण भी किया गया था।

नक्सलियों ने फूंक दिया था विश्रामगृह
कन्नमवार जलाशय परिसर में सिंचाई विभाग की ओर से विश्रामगृह का निर्माण किया गया था जिसके बाद यहां पर पर्यटकों की संख्या में काफी इजाफा हो गया था। इसके माध्यम से संबंधित विभाग को राजस्व भी प्राप्त हो रहा था, लेकिन कुछ वर्ष पहले नक्सलियों ने यहां के विश्रामगृह को आग के हवाले कर दिया। जिस कारण यहां पर पर्यटकों की संख्या काफी कम हो गई। इसके बाद संबंधित विभाग ने आवास की कोई सुविधा यहां पर उपलब्ध नहीं करवाई।

Created On :   3 Oct 2017 10:40 AM IST

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