आंध्रा बैंक की महिला सहायक प्रबंधक सहित तीन पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज

Andhra bank loan scam crime against three with bank manager
आंध्रा बैंक की महिला सहायक प्रबंधक सहित तीन पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज
आंध्रा बैंक की महिला सहायक प्रबंधक सहित तीन पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज

डिजिटल डेस्क, नागपुर। इतवारी की आंध्रा बैंक की एक महिला सहायक प्रबंधक ने अपने साथियों की मिलीभगत से एक व्यक्ति के नाम पर 35 लाख रुपए का कर्ज उसके दस्तावेज बैंक में जमा कर मंजूर कर दिया। पीड़ित व्यक्ति धर्मा पांडे को यह बात तब पता चली जब वह बजाज फाइनेंस कंपनी से कर्ज लेने के लिए उनके कार्यालय में गया। बताया गया कि उसके नाम पर पहले ही 3 कर्ज हैं, जिसकी रकम करीब 35 लाख रुपए है। धर्मा ने इस मामले में बैंक के प्रबंधक आनंद तुपे से मुलाकात की, तो बताया गया कि बैंक की महिला सहायक प्रबंधक अनघा निखिल भुसारी ने उसके दस्तावेजों के आधार पर अपने साथी अमोल कुंभारे और मंगेश जगताप के साथ मिलकर यह कारनामा किया है। 

इन धाराओं के तहत मामला दर्ज

बैंक प्रबंधक की शिकायत पर घटना की मास्टर माइंड अनघा भुसारी, अमोल कुंभारे और मंगेश जगताप के खिलाफ लकड़गंज पुलिस ने धारा 406, 409, 417, 419, 420, 465, 466, 467, 468, 469, 471, 472, 473, 474, 120(ब), 34 के तहत मामला दर्ज किया है। इस मामले की छानबीन करने पर मामला करोड़ों की घपलेबाजी का उजागर हो सकता है।  

3 बार में निकाली गई रकम

पुलिस के अनुसार धर्मा पांडे ने किसी अखबार में विज्ञापन देखा था। उसमें प्रधानमंत्री योजना के नाम पर कर्ज देने की बात कही गई थी। उस विज्ञापन में मंगेश जगताप का संपर्क नंबर था। धर्मा पांडे ने यह देखकर मंगेश जगताप से संपर्क किया। पांडे की तरह कुछ अन्य लोगों ने भी अपने दस्तावेजों की जेरॉक्स उस समय जगताप को दी थी। पांडे को जगताप ने बताया कि उसके कुछ दस्तावेजों में कमी के कारण प्रधानमंत्री कर्ज योजना का लाभ उसे नहीं मिल सकता है। पांडे ने उस समय जगताप से अपने दस्तावेजों की जेरॉक्स वापस नहीं लिया था। इसी दस्तावेज का उपयोग कर आंध्रा बैंक से 3 बार में 35 लाख का कर्ज निकाला गया। यह कारनामा  अगस्त 2017 में बैंक की सहायक प्रबंधक अनघा निखिल भुसारी (34) प्रसाद नगर जयताला निवासी ने अपने साथी अमोल रवि किरण कुंभारे हसनबाग और मंगेश रंजीत जगताप (28)  रचना युतिका अपार्टमेंट निवासी के साथ मिलकर किया। 

वाहन, गृह व मुद्रा कर्ज के रूप में निकाली राशि

लकड़गंज के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक भानुदास पिदुरकर ने बताया कि  उक्त आरोपियों ने धर्मा पांडे के दस्तावेजों का उपयोग बैंक से कर्ज निकालने के लिए किया है। तीनों आरोपियों ने धर्मा के नाम पर दूसरे अन्य व्यक्ति को खड़ा कर 3 बार बैंक से कर्ज मंजूर करा लिया। यह कारनामा बैंक की अनघा भुसारी ने किया। वही मास्टर माइंड है।  अनघा ने अगस्त 2017 में अमोल व मंगेश की मदद से अखबारों में  कर्ज देने के संबंध में विज्ञापन दिलवाया था। ग्राहकों ने कर्ज के लिए मंगेश व अमोल के पास दस्तावेज जमा किए थे। दोनों ने कुछ समय बाद ग्राहकों को कर्ज नामंजूर होने की जानकारी दी। उस समय कुछ ग्राहकों ने अपने दस्तावेज वापस ले लिए और कुछ ने वापस नहीं लिए। उन्हीं में धर्मा पांडे भी एक था। उनके इसी दस्तावेज के आधार पर तीनों आरोपियों ने फर्जी ग्राहक आंध्रा बैंक में खड़ा कर 35 लाख रुपए का  वाहन, गृह व मुद्रा कर्ज के नाम पर मंजूर करवा लिया। कर्ज अनघा ने बिना दस्तावेजों की छानबीन के मंजूर कर दिया। 

गृह कर्ज की जरूरत पड़ी, तो पता चला

धर्मा पांडे को जब गृह कर्ज की जरूरत पड़ी, तब उसने एक फाइनेंस कंपनी से संपर्क किया। उनके सिबिल की जांच करने पर पता चला कि उनके नाम पर इतवारी की आंध्रा बैंक में 35 लाख रुपए का कर्ज है। पांडे ने  आंध्रा बैंक में छानबीन की, तो पता चला कि उसके दस्तावेज के आधार पर आरोपियों ने अन्य कुछ साथियों के साथ मिलकर बैंक से उक्त रकम निकाली है। बैंक प्रबंधक आनंद तुपे के ध्यान में सारा मामला आने पर उन्होंने उक्त आरोपियों और उनके अन्य साथियों के खिलाफ लकड़गंज थाने में शिकायत कर दी। पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है। 

Created On :   12 July 2019 7:20 AM GMT

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