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करंट लगाकर बाघ का शिकार, 10 दिन में शिकार की तीसरी घटना
डिजिटल डेस्क शहडोल । बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व और आसपास के बाघ शिकारियों के निशाने पर हैं। घुनघुटी में एक और बाघ को मार दिया गया। पिछले एक माह में यह बाघ के शिकार की तीसरी घटना है। नवंबर के शुरुआत में कटनी के पास रोहनिया गांव में करौंंदिया नाले के पास बाघ का शिकार किया गया था। इसके कुछ दिन बाद ही शहडोल के कल्याणपुर में बाघ का शव मिला और अब घुनघुटी के धौरई बीट में बाघ को करंट लगाकर मारा गया।
बताया जा रहा है कि धौरई बीट में घघड़ार गांव के जंगल में एक तालाब के पास रविवार शाम को बाघ का शव देखा गया था। बकरी चराने वाली एक महिला ने सबसे पहले शव को देखा था। उसने इसकी सूचना मुंशी को दी। इसके बाद वन विभाग को घटना की सूचना मिली और रात में वन अमला वहां पहुंच गया। इसके बाद बाघ को वहां से हटा दिया गया। वन विभाग पूरे मामले में लीपापोती करने का प्रयास कर रहा है। बाघ के तीनों पैर में चोट के निशान हैं। शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में शिकार से मौत की पुष्टि हो गई है, लेकिन मौत का कारण स्पष्ट नहीं किया जा रहा है। वन विभाग के अधिकारी इस बात को तो स्वीकार कर रहे हैं कि बाघ की नैचुरल डेथ नहीं है, लेकिन मौत का कारण नहीं बता रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि विसरा जांच के लिए भेज दिया है। रिपोर्ट के बाद ही मौत के सही कारणों को पता चल पाएगा।
3-4 साल का था बाघ, दो दांत गायब
शॉर्ट पीएम रिपोर्ट के मुताबिक बाघ का शिकार करीब 20-24 घंटे पहले किया गया था। बाघ की उम्र तीन से चार वर्ष के बीच थी। वहीं उसके पैर में जलने के निशान थे। बाघ के दो दांत गायब थे। नाखून सही सलामत थे। तीन डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम किया। इसमें एक बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के थे, जबकि एक पाली के और एक अन्य घुनघुटी के पशु चिकित्सक शामिल थे। शहडोल से उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं जितेंद्र सिंह और उनकी टीम भी वहां पहुंची हुई थी।
साक्ष्य छुपाने की कोशिश
घटना के बाद पोस्टमार्टम होने और शव को जलाए जाने तक मीडिया को पास तक नहीं जाने दिया गया। जबकि शहडोल में पीएम के समय मीडिया के कुछ लोगों को अंदर जाने की अनुमति दी गई थी। चूंकि शुरुआत में ही पता चल गया था कि बाघ का शिकार हुआ है, इसलिए वन विभाग के अधिकारियों ने इसमें गोपनीयता बरती। प्रभारी सीसीएफ टीएस चतुर्वेदी का कहना है कि डॉग स्क्वॉड से जांच कराने के लिए किसी को वहां नहीं जाने दिया गया था। साक्ष्य छिपाने जैसी कोई बात नहीं है। मामले की जांच की जा रही है।
इनका कहना है
गश्ती दल की सूचना पर मृत बाघ का पता चला है। बीटीआई, संजय टाइगर रिजर्व, टीएसएफ तथा बांधवगढ़ की टीम जांच कर रही है। बाघ की प्राकृतिक व करंट से मौत प्राथमिक जांच में पता नहीं चली है। रिपोर्ट के बाद ही कारण स्पष्ट हो सकेगा।
-टीएस चतुर्वेदी, प्रभारी सीसीएफ, शहडोल
Created On :   6 Dec 2017 1:03 PM IST