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राजनीतिक दबाव में दबा रहा जादू-टोना विरोधी कानून
डिजिटल डेस्क, नागपुर। अंधश्रद्धा के मामले में भी राजनीति हावी होने पर अफसोस जताते हुए प्रा. श्याम मानव ने कहा है कि, राज्य में जादू-टोना विरोधी कानून होने के बाद भी उस पर अमल नहीं हो पाया है। पहले सरकार चाहकर भी इस कानून के तहत कोई कदम नहीं उठा पायी। फिलहाल सरकार बदली है। अब सरकार इस कानून को लागू करने के लिए सकारात्मक रुख अपना रही है। कानून लागू करने के बारे में योजना प्रारूप भी तैयार कर लिया गया है। अंधश्रद्धा निर्मूलन के मामले में राज्य में अच्छा मौका है। प्रा. मानव, अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के संगठक भी हैं। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के मौके पर अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति की ओर से सुरेश भट सभागृह में ‘अंधश्रद्धा उन्मूलन राष्ट्रीय सम्मेलन-2020’ का आयोजन किया गया। प्रा. मानव इसी सम्मेलन में बोल रहे थे। सम्मेलन की अध्यक्षता अंनिस के अध्यक्ष मधुकर कांबले ने की। मंच पर समिति के कोषाध्यक्ष सुरेश अग्रवाल, महासचिव हरीश देशमुख, प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. बबनराव बेलसरे, सुरेश धुरमुरे, गणेश येलगारे, गोविंद भंडारकर, प्रशांत कपाटे, रवि खानविलकर, हरिभाऊ पाथोटे, छाया सावरकर उपस्थित थे।
समिति का काम बाबाओं का पर्दाफाश करना : प्रा.मानव ने कहा कि, अंनिस के बारे में भ्रामक खबरें फैलाने के प्रयास भी किए जाते हैं। अंनिस किसी धर्म या ईश्वर का विरोध नहीं करती है। धर्म के नाम पर समाज को ठगने वाले बाबाओं का पर्दाफाश करती है। पहले की सरकार ने जादू-टोना विरोधी कानून पर अमल का केवल आश्वासन दिया। अमल के लिए उस सरकार की इच्छा भी दिखी, लेकिन उस सरकार का नेतृत्व करने वाले राजनीतिक दल में अंधश्रद्धा को खाद-पानी देने वाले लोग होने के कारण उनके दबाव को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सका। कानून के संबंध में तत्कालीन सरकार प्रावधान नहीं कर पायी। फिलहाल उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने जादू-टोना विरोधी कानून पर अमल की तैयारी व्यक्त की है। सामाजिक न्यायमंत्री धनंजय मुंडे की सहायता से संपूर्ण योजना प्रारूप तैयार किया गया है। 1 अप्रैल से सरकार अभियान शुरू करने वाली है।
Created On :   1 March 2020 4:09 PM IST