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ऐप आधारित टैक्सियां ओला-उबर केंद्र सरकार की ओर से जारी निर्देशों का करें पालन

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि ऐप आधारित टैक्सियों से जुड़ी शिकायतों के निवारणके लिए बननेवाली व्यवस्था उपभोक्ता के अनुकूल हो। राज्य सरकार से अपेक्षा है कि वह इस मामले में पहल करे और कदम उठाए। इसके साथ ही सुनिश्चित किया जाए कि शिकायतों का निपटारा एक समय-सीमा के भीतर हो। इस बीच हाईकोर्ट ने कहा कि एप आधारित टैक्सियों के समूह तब तक परिचालन के लिए मोटर वेहिकल कानून में उल्लेखित दिशा-निर्देशों का पालन करे जब तक की राज्य सरकार इस मामले को लेकर निर्देश नहीं करती है।
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ ने पेशे से वकील सबीना क्रिस्टो की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह बात कही। इस दौरान एप आधारित टैक्सी उबर की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता जनक द्वारका दास ने कहा कि उबर ने ग्रहाकों की शिकायत के निवारण के लिए पहले से व्यवस्था बनाई है। हम ग्राहकों को सेवा देने में किसी से पीछे नहीं रहेंगे। इस पर अधिवक्ता क्रिस्टो ने कहा कि इस व्यवस्था में काफी कमिया है। यदि शिकायत के लिए फोन करो तो काफी देर तक फोन पर प्रतीक्षा कराई जाती है। आपात स्थिति में शिकायत के लिए अलग व्यवस्था होनी चाहिए। इसके लिए अलग एप बेहतक विकल्प हो सकता है।
इन दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को कहा कि वे हलफनामे में बताए कि शिकायत को लेकर बनाई गई व्यवस्था में क्या कमिया है। इसके साथ ही राज्य सरकार से अपेक्षित है कि वह इस विषय को देखे और उचित सुझाव दे। जिससे शिकायत की व्यवस्था उपभोक्ताओं के अनुकूल हो। कोर्ट ने अब दो माह बाद इस याचिका पर सुनवाई रखी है। गौरतलब है कि अब तक एप आधारित टैक्सियों का परिचालन करनेवाले 12 लोंगो को प्रीवजनल लाइसेंस दिए गए है।जबकि लाइसेंस के लिए 17 आवेदन विचाराधीन है।
Created On :   5 April 2022 9:44 PM IST