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शक्ति कानून का विधेयक विधानमंडल की संयुक्ति समिति को भेजने की मंजूरी, अगले सत्र में होगा पास

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन और दूसरे गंभीर अपराध के खिलाफ कड़े कानून और विशेष अदालतों के गठन से जुड़े प्रस्तावित शक्ति कानून को दोनों सदनों की संयुक्त समिति के पास भेज दिया गया है। सोमवार को गृहमंत्री अनिल देशमुख ने विधानसभा में विधेयक पेश किया था। जिसे मंगलवार को चर्चा के बाद मंजूरी दी जानी थी। लेकिन विपक्ष ने जल्दबाजी में कानून में खामिया रह जाने का हवाला देते हुए इसे संयुक्त समिति के पास भेजने की वकालत की। भाजपा विधायक सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि विधेयक पर अभी और विचार विमर्श की जरूरत है मौजूदा अधिवेशन सिर्फ दो दिनों का होने के चलते इस पर चर्चा और संशोधन के लिए पर्याप्त समय नहीं है। इसके बाद मंगलवार को सत्तापक्ष ने विपक्ष की इस मांग को स्वीकार करते हुए विधेयक को संयुक्त समिति के पास भेजने का प्रस्ताव रखा जिसे एकमत से स्वीकार कर लिया गया। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बताया कि समिति में कुल 21 सदस्य होंगे, जिनमें से 15 विधान सभा जबकि 6 विधान परिषद के सदस्य होंगे। समिति की अध्यक्षता गृहमंत्री करेंगे। समिति में ज्यादा से ज्यादा महिला विधायकों को शामिल करने की कोशिश की जाएगी। संयुक्त समिति को अगले अधिवेशन के खत्म होने से पहले कानून को लेकर मसौदा तैयार करना होगा जिसे विधानमंडल के आगामी सत्र के दौरान मंजूरी दी जाएगी। इसके अलावा इन मामलों की छानबीन और सुनवाई के लिए प्रस्तावित विशेष अदालतों और जांच टीम बनाने से जुड़ा विधेयक भी अगले सत्र तक के लिए टल गया है।
Created On :   15 Dec 2020 8:17 PM IST