विधानसभा चुनाव : भाजपा के निर्णय पर है आघाड़ी नेताओं की नजर, फडणवीस के नेतृत्व में लड़ा जाएगा इलेक्शन

Assembly elections: Aghadi leaders keep an eye on BJPs decision
विधानसभा चुनाव : भाजपा के निर्णय पर है आघाड़ी नेताओं की नजर, फडणवीस के नेतृत्व में लड़ा जाएगा इलेक्शन
विधानसभा चुनाव : भाजपा के निर्णय पर है आघाड़ी नेताओं की नजर, फडणवीस के नेतृत्व में लड़ा जाएगा इलेक्शन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा और शिवसेना के बीच गठबंधन पर अंतिम मुहर लगने का इंतजार न केवल युति के नेताओं व कार्यकर्ताओं को है, बल्कि कांग्रेस और राकांपा को भी इसका बेसब्री से इंतजार है। जानकारी के मुताबिक यदि दोनों भगवा दलों में गठबंधन पर बात बिगड़ती है तो फिर कांग्रेस और राकांपा के बीच तय माना रहा गठबंधन भी खतरे में पड़ सकता है। 

चुनाव में अकेले जाने पर भी विचार कर रही भाजपा  

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि आघाड़ी के नेता भी भाजपा और शिवसेना के बीच होने वाले गठबंधन की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं। दरअसल लोकसभा चुनाव 2019 में मिली शानदार जीत और जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद भाजपा का उत्साह चरम है। ऐसे में भाजपा के कुछ अति उत्साही नेता महाराष्ट्र में अकेले चुनाव लड़ने पर जोर दे रहे हैं। ऐसे में यदि भाजपा ने महाराष्ट्र के चुनावी समर में अकेले जाने का फैसला किया तो इसका असर कांग्रेस-राकांपा गठबंधन पर भी पड़ेगा। सूत्र बताते हैं कि महाराष्ट्र में यदि युति टूटती है तो केन्द्र व प्रदेश की सत्ता पर काबिज भाजपा यह कतई नहीं चाहेगी कि राकांपा और कांग्रेस के बीच सियासी दोस्ती हो। भाजपा का प्रयास प्रदेश में चतुष्कोणीय मुकाबला कराने का है ताकि उसे सबसे ज्यादा फायदा मिले।  

राकांपा को लेकर आशंकित है कांग्रेस

कांग्रेस इस बात से आशंकित हैं कि परिस्थिति के मुताबिक शिवसेना से किनारा करने के बाद भाजपा राकांपा पर कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करने का दबाव बनाएगी। और यह दबाव इसलिए कारगर साबित हो सकता है क्योंकि इस समय राकांपा के कुछ वरिष्ठ नेतागण अनियमितता के मामले में जांच एजेंसियों के राडार पर हैं। ऐसी परिस्थिति में सूत्रों का कहना है कि राकांपा ज्यादा सीटों की मांग पूरी नहीं होने का हवाला देकर अलग रास्ता अख्तियार कर सकती है। हालांकि राकांपा के एक नेता का दावा है कि राज्य के कुछ हिस्सों में आई भयंकर बाढ़ के चलते फिलहाल दोनों दलों के बीच सियासी बातचीत मंद है। जल्द ही हम सीट बंटवारे पर फैसला करेंगे।

मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के नेतृत्व में लड़ा जायेगा विधानसभा चुनाव

इसके अलावा यह साफ हो गया है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव मौजूदा मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए मंगलवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की अध्यक्षता में प्रभारियों की बैठक में यह फैसला किया गया। इस दौरान पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नढ्ढा भी बैठक में मौजूद थे। बैठक में शामिल पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार यह बैठक प्रथमिक स्तर की थी। इसमें किसी विशेष राज्य में सीट शेयरिंग या गठबंधन को लेकर कोई चर्चा नही हुई है। इस मसले पर अगली बैठक में इन मुद्दों पर फैसला लिया जायेगा। उन्होने बताया कि बैठक में तीन राज्यों महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड इन चुनावी राज्यों में प्रभारियों की नियुक्ति के बाद संबंधित प्रदेशों में चुनाव की तैयारियों को लेकर उठाए गए कदमों के बारे में चर्चा की गई। पार्टी नेता ने बताया कि इस बैठक में यह तय कर लिया गया है कि संबंधित राज्यों में वहां के मौजूदा मुख्यमंत्रियों के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा जाए। इससे यह साफ हो गया है कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के नेतृत्व में ही विधानसभा चुनाव लड़ा जायेगा। जानकारी के अनुसार बैठक में हाल ही में मोदी सरकार ने जो बडे फैसले लिए है जैसे अनुच्छेद 370 को खत्म करना, किसानों तथा छोटे कारोबारियों को पेंशन देना आदि मुद्दों को पूरे दमखम के साथ लोगों तक पहुंचाने की रणनीति पर भी चर्चा की गई। बैठक में दिल्ली के प्रभारी केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर के अलावा महाराष्ट्र के प्रभारी एवं पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री भूपेन्द्र यादव, पार्टी की राष्ट्रीय महामंत्री एवं प्रदेश संगठन प्रभारी सरोज पांडेय तथा अन्य राज्यों के प्रभारी उपस्थित थे।

शिवसेना के साथ सीट शेयरिंग पर चर्चा

पार्टी नेता ने भले ही इस बात से इंकार किया कि बैठक में महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ गठबंधन और सीट शेयरिंग को लेकर चर्चा नही हुई, लेकिन जानकारी के अनुसार बैठक में इस मुद्दे को भी छुवा गया। मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस कल पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली का हाल जानने दिल्ली आए थे। उसके बाद उन्होने देर रात भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की। जानकारी के अनुसार दोनों के बीच विधानसभा चुनाव को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार अमित शाह ने मुख्यमंत्री को सूचित किया कि सीट शेयरिंग को लेकर शिवसेना के साथ जल्द बैठक करें और शिवसेना सीट शेयरिंग को लेकर भाजपा के फार्मूले को स्वीकार करती है तो इस दिशा में जल्द निर्णय ले लिया जाए। बता दें कि शिवसेना विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग में आधी यानी 144 सीटें चाहती है, लेकिनभाजपा 50-50 फार्मूले के पक्ष में नही है। सूत्रों की माने तो भाजपा शिवसेना को 80-90 सीटें देने पर ही विचार कर रही है।

Created On :   20 Aug 2019 2:04 PM GMT

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