विधानसभा : नागपुर के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में खुलेगा मातृ दूध पेठी, तेजी से घट रहा कुपोषण

Assembly : Maternal milk will be started soon at Indira Gandhi Medical College of Nagpur
विधानसभा : नागपुर के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में खुलेगा मातृ दूध पेठी, तेजी से घट रहा कुपोषण
विधानसभा : नागपुर के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में खुलेगा मातृ दूध पेठी, तेजी से घट रहा कुपोषण

डिजिटल डेस्क, मुंबई। नागपुर के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में आगामी दो महीनो में मातृ दूध पेठी शुरू कर दी जाएगी। इसके लिए अस्पताल के दो कमरों में ढाई सौ स्क्वेयर फीट जगह की व्यवस्था कर दी गई है साथ ही जरूरी 30 लाख की निधी की भी व्यवस्था जिला नियोजन से की गई है। गुरुवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधानसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री रविंद्र चव्हाण ने यह जानकारी दी। भाजपा के सुधाकर देशमुख, कांग्रेस के विजय वडेट्टीवार आदि सदस्यों मातृ दूध पेठी शुरू होने में हो रही देरी से जुड़ा सवाल पूछा था। जवाब में मंत्री चव्हाण ने बताया कि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में मातृ दूध पेठी शुरू करने को मंजूरी दी गई है, हालांकि पर्याप्त मैनपावर न होने चलते इसमें कुछ परेशानी हो सकती है।

तुकडोजी विवि में अल्पसंख्यक छात्रों के हास्टल की प्रवेश क्षमता में होगी बढ़ोतरी 

नागपुर के राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज विश्वविद्यालय में अल्पसंख्यक समाज के उच्च शिक्षा लेने वाले विद्यार्थियों के हॉस्टल की प्रवेश क्षमता बढ़ाकर 200 करने संबंधित प्रस्ताव राज्य सरकार के पास विचाराधीन है। प्रदेश के अल्पसंख्यक विकास मंत्री विनोद तावडे ने विधान परिषद में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। तावडे ने बताया कि 100 विद्यार्थी क्षमता के हॉस्टल बनाने के लिए प्रशासनिक मंजूरी दी जा चुकी है। हॉस्टल के निर्माण काम के लिए 16 मई साल 2016 को शासनादेश के जरिए 1 करोड़ रुपए निधि उपलब्ध करा दी गई थी। भाजपा सदस्य अनिल सोले ने इस संबंध में सवाल पूछा था। एक दूसरे सवाल के लिखित जवाब में प्रदेश के उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री तावडे ने बताया कि राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज विश्वविद्यालय में 332 में से 162 शिक्षकीय पद रिक्त हैं। तावडे ने बताया कि एलआईटी के लिए 17 शिक्षकीय के पद को भरने की मंजूरी दी गई है। इसके अलावा राज्य के सभी गैर कृषि विश्वविद्यालय में शिक्षकों के रिक्त पद पर बहाली के लिए मंजूरी देने की कार्यवाही सरकार के स्तर पर विचाराधीन है।  

राज्य में तेजी से घट रही कुपोषण की समस्या 

सरकार के प्रयासों के चलते राज्य में कुपोषण के चलते बच्चों की मौत के मामले लगातार कर हो रहे हैं। बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए योजनाएं लागू करने के मामले में महाराष्ट्र देश में पहले नंबर पर है। 2017 में गंभीर रुप से कुपोषित बच्चों की संख्या 3362 थी जो साल 2019 तक घटकर 1920 रह गई। विधामनसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूछे गए सवाल के जवाब में महिला एवं बाल विकास मंत्री पंकजा मुंडे ने यह जानकारी दी। समाजवादी पार्टी के अबू आसिम आजमी ने पालघर जिले में महिला बचत गटों को पोषक आहार के लिए दिए जाने वाले अनाज में कमी से जुड़ा सवाल पूछा था जवाब में मंत्री मुंडे ने बताया कि राज्य सरकार ने आपूर्ति में अपनी ओर से कोई कमी नहीं कि लेकिन केंद्र सरकार से मिलने वाली आपूर्ति में कमी हुई। लेकिन इस बार केंद्र से ज्यादा आवंटन की मांग की गई है।

नागपुर के काटोल में विस्फोटक बनाने के लिए मिली मंजूरी 

नागपुर के काटोल में मेसर्स सोलार इंडस्ट्रीज इंडिया लिमिटेड को विस्फोटक बनाने के लिए 87.97 हेक्टेयर वन जमीन देने के लिए केंद्र सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने मंजूरी दी है। इसी के मुताबिक राज्य सरकार ने भी 15 अप्रैल 2019 को वन जमीन देने की प्रक्रिया को मंजूरी दे दी है। मंजूर क्षेत्र में से 83.24 हेक्टेयर क्षेत्र सुरक्षा कवच और 4.73 हेक्टेयर क्षेत्र में वन से इतर काम प्रस्तावित है। वन से इतर काम के लिए दी गई जमीन के लिए सुप्रीमकोर्ट के निर्देशानुसार तय की गई दर से कीमत वसूली गई है। विधानसभा में पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने यह जानकारी दी। भाजपा के डॉ मिलिंद माने ने चकडोह और बाजारगांव में स्थित टायगर कोरिडोर की जमीन सोलर इंडस्ट्रीज को देने से जुड़ा सवाल पूछा था जवाब में मंत्री मुनगंटीवार ने बताया कि कंपनी को दी गई जमीन बोर ब्याघ्र प्रकल्प से 15 किलोमीटर जबकि पेंच व्याघ्र प्रकल्प से 36 किलोमीटर दूर है।

कुओं के जलस्तर में 1 मिटर की गिरावट

प्रदेश के कुओं के भूजल स्तर में एक मीटर से ज्यादा गिरावट आई है। राज्य में 1318 कुओं के निरीक्षण में यह जानकारी सामने आई है। विधान परिषद में पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में प्रदेश के जलापूर्ति व स्वच्छता मंत्री बबनराव लोणीकर ने यह जानकारी दी। लोणीकर ने कहा कि महाराष्ट्र भूजल अधिनियम (विकास व प्रबंधन) 2009 को प्रभावी रूप में लागू करने के लिए नियमों का मसौदा अंतिम करने के लिए मंत्रालय के विभागों की समिति गठित की गई थी। समिति की रिपोर्ट के आधार पर मसौदा नियम बनाने के लिए आम लोगों से सुझाव और आपत्तियां मंगाई गई थीं। आम लोगों से सुझावों को मसौदे के नियम में शामिल करने के लिए राज्य के मुख्य सचिव अजोय मेहता की अध्यक्षता में समिति ने मंत्रालय के दूसरे विभागों से अभिप्राय मंगाने की कार्यवाही शुरू की है। कांग्रेस के विधायक दल नेता शरद रणपीसे ने इस संबंध में सवाल पूछा था। 

मराठवाडा विवि में उत्तर पुस्तिका खरीद में अनियमितता 

औरंगाबाद के डॉ. बाबासाहब आंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय में उत्तर पुस्तिका की खरीदी में अनियमितता हुई है। विधान परिषद में एक सवाल के लिखित जवाब में प्रदेश के उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री विनोद तावडे ने यह जानकारी दी। तावडे ने बताया कि मराठवाड़ा विश्वविद्यालय में साल 2017-18 में ई-टेंडर के द्वारा उत्तर पुस्तिका के कागज शेषा साइन कंपनी से 6 रुपए 3 पैसे की दर से खरीदे गए। तावडे ने बताया कि साल 2017-18 के पहले की बची हुए उत्तर पुस्तिका का इस्तेमाल नए शैक्षणिक वर्ष में किया गया। जबकि साल 2018-19 के लिए ई-टेंडर के माध्यम से अटलांटा फाम्स प्राइवेट लिमिटेड से नियमों के तहत उत्तर पुस्तिका की खरीद की गई। एक सवाल के जवाब में तावडे ने बताया कि मराठवाड़ा विश्वविद्यालय की विभिन्न अनियमितताओं की जांच के लिए गठित प्रा. एस. एफ पाटील की अध्यक्षता वाली समिति ने राज्यपाल सी विद्यासागर राव और कुलपति को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्यवाही की जा रही है। राष्ट्रवादी कांग्रेस के सदस्य सतीश चव्हाण ने इस संबंध में सवाल पूछा था। 
 

Created On :   27 Jun 2019 2:06 PM GMT

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