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खटाई में पड़ा विधानसभा अध्यक्ष चुनाव, मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को लिखा जवाबी पत्र
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कांग्रेस नेताओं के दावों के विपरित विधानमंडल के दो दिवसीय मानसून सत्र के दौरान विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव मुश्किल दिखाई दे रहा है। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को लिखे पत्र से भी ऐसे संकेत मिले हैं। राज्यपाल के पत्र के जवाब में लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा है कि कोरोना संकट के चलते विधानसभा अध्यक्ष कराना मुश्किल है। फिलहाल विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि झिरवाल को विधानसभा अध्यक्ष का प्रभार सौपा गया है। इस बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने मुख्यमंत्री की भूमिका का समर्थन करते हुए कहा कि विधायकों की कोरोना जांच के बाद विधानसभा अध्यक्ष चुनाव को लेकर स्थिति साफ होगी।
राज्यपाल कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव कराने और विधानमंडल के मानसून की अवधि बढ़ाने को कहा था। इस पत्र के जवाब में मुख्यमंत्री ठाकरे ने राज्यपाल को लिखे पत्र कहा कि विधानमंडल के दोनों सभागृहों के कामकाज सलाहकार समिति की 22 जून को बैठक हुई थी। डेल्टा और डेल्टा प्लस वेरिएंट से संक्रमण फैलने की मेडिकल टास्क फोर्स की चेतावनी और केंद्र के सावधानी बरतने की सलाह के बाद बैठक में विचार-विमर्श कर कामकाज सलाहकार समिति ने मानसून सत्र की अवधि 5 और 6 जुलाई 2021 तय की है। अधिवेशन की अवधि तय करने का अधिकार कामकाज सलाहकार समिति को ही है। मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा कि कोरोना की दूसरी लहर खत्म नहीं हुई है और विशेषज्ञों ने तीसरी लहर का आशंका प्रकट की है।
विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया गया है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 178 और महाराष्ट्र विधानसभा के नियम 6 के अनुसार विधानसभा के अध्यक्ष का चुनाव किया जाता है। इसको लेकर कोई समय सीमा तय नहीं की गई है। कोरोना महामारी की वजह से अधिवेशन को लंबे समय तक आयोजित करना संभव नहीं था। महाराष्ट्र की नहीं, कई अन्य राज्यों में अल्पकालिक अधिवेशन आयोजित किए गए हैं, ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव नहीं हो पा रहा है। फिलहाल महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि झीरवल को इस पद का प्रभार दिया गया है। उनकी अध्यक्षता में हाल ही में बजट सत्र भी आयोजित किया गया है। सरकार की इच्छा है कि विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव जल्द से जल्द कराया जाए।
स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण रद्द होने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की याचिका के आदेशानुसार राज्य निर्वाचन आयोग ने 6 जिला परिषदों एवं 27 पंचायत समितियों में पिछड़े वर्ग के निर्वाचित उम्मीदवारों को पुनः निर्वाचित करने के आदेश के अनुरूप चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की है। राज्य सरकार ने राज्य चुनाव आयोग को पत्र लिख कर कहा है कि कोरोना संकट को देखते हुए चुनाव टाले जाए। आयोग से सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भी दायर की है। उन्होंने कहा कि सरकार को अन्य पिछड़े वर्गों की चिंता है और इसीलिए कुछ दिनों पहले नई दिल्ली में प्रधानमंत्री के साथ बैठक में हमने सुप्रीम कोर्ट के फैसले से उत्पन्न स्थिति के स्थायी संवैधानिक समाधान के लिए अनुरोध किया है।
विधायकों के कोरोना जांच के बाद फैसला
विधानसभा अध्यक्ष चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री की भूमिका का समर्थन करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि कोरोना के मौजूदा हालात को देखते हुए विधायकों के कोरोना टेस्ट के बाद ही विस अध्यक्ष चुनाव को लेकर स्थिति साफ हो सकेगी। पटोले ने कहा कि राज्यपाल को लिखे अपने पत्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा निभाई गई भूमिका में कुछ भी गलत नहीं है। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष कांग्रेस पार्टी से ही होंगे और इसको लेकर महाविकास आघाडी में कोई मतभेद नहीं हैं। कांग्रेस पार्टी अपने विधायकों से राय लेकर पार्टी नेतृत्व को सूचित करेगी और अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार की घोषणा कर दी जाएगी।
Created On :   2 July 2021 7:37 PM IST