अदालत में 6 सप्ताह में रकम जमा कराए बजाज आलियांज, खंडपीठ के फैसले पर लगाई सशर्त रोक

Bajaj Allianz deposited the amount in 6 weeks in the court
अदालत में 6 सप्ताह में रकम जमा कराए बजाज आलियांज, खंडपीठ के फैसले पर लगाई सशर्त रोक
सुप्रीम कोर्ट अदालत में 6 सप्ताह में रकम जमा कराए बजाज आलियांज, खंडपीठ के फैसले पर लगाई सशर्त रोक

डिजिटल डेस्क, औरंगाबाद। उस्मानाबाद के 3.5 लाख सोयाबीन किसानों को मुआवजा देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद खंडपीठ के आदेश पर सशर्त रोक लगा दी है। अदालत ने बजाज आलियांज को छह सप्ताह में सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री में 200 करोड़ रुपए जमा करने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने कंपनी को उन 3.5 लाख सोयाबीन किसानों को मुआवजा देने का निर्देश दिया था, जिनकी सोयाबीन की फसल काे 2020 के खरीफ मौसम के दौरान भारी वर्षा के कारण नुकसान पहुंचा था।

वास्तविक नुकसान को सत्यापित करना मुश्किल : बजाज

जस्टिस जेके माहेश्वरी और हेमा कोहली की पीठ के समक्ष मामले की सुनवाई होने पर बजाज आलियांज की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा ने कहा कि किसानों ने कंपनी को समय पर नुकसान की जानकारी नहीं दी। चूंकि, नुकसान की ठीक से सूचना नहीं दी गई थी, इसलिए कंपनी के लिए वास्तविक नुकसान को सत्यापित करना बहुत मुश्किल है। इससे कंपनी को 400 करोड़ रुपए का भुगतान करना पड़ेगा, जिससे गंभीर वित्तीय दबाव पड़ेगा।

कंपनी समान भुगतान करने के लिए उत्तरदायी : कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद बजाज आलियांज से रकम जमा करने को कहा। अदालत ने जोर देकर कहा कि कंपनी समान भुगतान करने के लिए भी उत्तरदायी है। मई 2022 में बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद खंडपीठ ने बजाज आलियांज को किसानों को मुआवजा देने का निर्देश दिया था। खंडपीठ ने यह भी कहा था कि अगर बीमा कंपनी किसानों को मुआवजा देने में विफल रहती है, तो राज्य सरकार को मुआवजा देना चाहिए।

यह था मामला

मार्च 2021 में, राज्य सरकार ने बीमा कंपनी और अन्य प्राधिकरणों को सक्षम अधिकारियों द्वारा तैयार की गई नुकसान की रिपोर्ट के आधार पर किसानों के दावों को मंजूरी देने के लिए कहा था। बॉम्बे हाईकोर्ट का आदेश किसानों द्वारा दायर याचिकाओं पर पारित किया गया था। याचिकाओं में किसानों को फसल कटाई के बाद हुए नुकसान की भरपाई के लिए बीमा कंपनी के कवरेज से इनकार करने को चुनौती दी गई थी। दलीलों में कहा गया है कि किसानों ने अपनी फसलों के बीमा कवरेज के लिए प्रीमियम का भुगतान किया। यहां तक कि सरकार ने भी किसानों की ओर से बीमा प्रीमियम का एक हिस्सा दिया था।

याचिकाकर्ताओं द्वारा अदालत को सूचित किया गया था कि बीमा कंपनी को उस्मानाबाद के किसानों से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत प्रीमियम के रूप में 500 करोड़ मिले थे। बीमा कंपनी ने कथित तौर पर 87.87 करोड़ रुपए की कुल राशि का भुगतान करके 72,325 किसानों को मुआवजा दिया। लेकिन, उसने इस आधार पर बड़ी संख्या में किसानों के दावों का भुगतान करने से इनकार कर दिया कि किसान कथित नुकसान की तारीख से 72 घंटों के भीतर बीमा कंपनी को सूचित करने में विफल रहे। इसने उन्हें योजना के तहत इस तरह के लाभों के लिए अयोग्य घोषित कर दिया। हाईकोर्ट ने बीमा कंपनी के इस दावे को खारिज कर दिया था कि किसान पीएमएफबीवाई के दायरे से बाहर राहत का दावा कर रहे हैं।

 

Created On :   18 Jun 2022 2:33 PM IST

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