बैलेट पेपर से मतदान : होगा दूध का दूध, पानी का पानी - कानून बनाने पर शुरु हुई बयानबाजी 

Ballot paper voting: Rhetoric started by political parties on making laws
बैलेट पेपर से मतदान : होगा दूध का दूध, पानी का पानी - कानून बनाने पर शुरु हुई बयानबाजी 
बैलेट पेपर से मतदान : होगा दूध का दूध, पानी का पानी - कानून बनाने पर शुरु हुई बयानबाजी 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र में स्थानीय स्वराज संस्था और विधानसभा चुनाव में मतपत्र के इस्तेमाल को लेकर कानून बनाने के निर्देश को लेकर सत्तापक्ष व विपक्ष के बीच बयानबाजी शुरु हो गई है। सत्ता पक्ष जहां इसके पक्ष में दलीले दे रहा है, वहीं विपक्षी भाजपा ने कटाक्ष किया है। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता व विधायक राम कदम ने कहा कि कांग्रेस जब भी चुनाव हारती है, तो ईवीएम के खिलाफ राग अलापने लगती है और जब चुनाव जीतते हैं, तो ईवीएम सही हो जाती है। कदम ने कहा कि हाल ही हुए पंचायत चुनावों में कांग्रेस चौथे क्रमांक पर चली गई तो कांग्रेस नेताओं को बैलेट पेपर की याद आने लगी है। प्रदेश राकांपा के मुख्य प्रवक्ता महेश तपासे ने फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि स्थानीय स्वराज संस्था व विधानसभा चुनाव मतपत्र पर होने से दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। ईवीएम के जोर पर चुनाव जीतने वालों की पोल खुल जाएगी। गौरतलब है कि विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले ने निर्देश दिए हैं कि स्थानीय स्वराज संस्थाओं व विधानसभा चुनाव में ईवीएम के अलावा मतपत्र का विकल्प उपलब्ध कराने के लिए कानून बनाए जाए।    

Created On :   3 Feb 2021 2:02 PM GMT

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