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नियमों का हवाला दे कंबोज के खिलाफ की गई शिकायत वापस लेने के लिए बैंक ने दी अर्जी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। भाजपा नेता मोहित कंबोज भारतीय के खिलाफ दर्ज की गई धोखाधड़ी की शिकायत वापस लेने के लिए बैंक की ओर से दी गई अर्जी के बावजूद मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने कहा है कि वह इस मामले की जांच जारी रखेगी। कंबोज गुरूवार को अपने वकील रिजवान मर्चेंट के साथ सवालों के जवाब देने ईओडब्ल्यू के कार्यालय भी पहुंचे थे। इसके बाद पत्रकारों से बातचीत में कंबोज ने कहा कि मैं जल्द ही गिरोह बनाकर 21 सालों से चल रहे घोटाले का पर्दाफाश करूंगा। कंबोज ने सोशल मीडिया पर शिकायत वापस लेने की वह अर्जी भी पोस्ट की है जो इंडियन ओवरसीज बैंक के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक अंजनी कुमार ने आर्थिक अपराध शाखा के संयुक्त पुलिस आयुक्त को लिखा है। इस पत्र में नियमों का हवाला देते हुए कहा गया है कि राष्ट्रीयकृत बैंक में हुई 3 करोड़ रुपए से ज्यादा की धोखाधड़ी की शिकायत केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से की जानी चाहिए। मामले में सीबीआई को पहले ही शिकायत की जा चुकी है इसलिए मुंबई पुलिस से इसकी शिकायत करने की जरूरत नहीं है। इसलिए हम 27 मई को की गई शिकायत वापस ले रहे हैं। हालांकि मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि ईओडब्ल्यू मामले की जांच करती रहेगी। बता दें कि बैंक की ओर से मुंबई के एमआरए मार्ग पुलिस स्टेशन में शिकायत कर दावा किया गया था कि निसिध वेंचर प्रायवेट लिमिटेड और उसके प्रबंध निदेशक मोहित कंबोज, सिद्धांत बागला, जितेंद्र कपूर समेत अज्ञात आरोपियों और बैंक अधिकारियों ने मिलकर 2011 से 2015 के बीच कर्ज के रुप में लिए गए 52 करोड़ 89 लाख रुपए का किसी और जगह इस्तेमाल किया और बैंक को चूना लगा दिया। बैंक का दावा है कि आरोपियों ने आपराधिक साजिश के तहत फर्जी कागजात के आधार पर इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया है। एमआरए मार्ग पुलिस ने आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी जैसे आरोपों में एफआईआर दर्ज कर इसे आगे की जांच के लिए आर्थिक अपराध शाखा के हवाले कर दिया है।
किसके दबाव में हुई एफआईआर सीबीआई करे जांच-कंबोज
मामले में मोहित कंबोज ने कहा कि ईओडब्ल्यू और पुलिस के अधिकारियों को इस बात की जानकारी थी कि राष्ट्रीयकृत बैंक में हुए घोटालों की जांच सीबीआई ही कर सकती है। इसके बावजूद एफआईआर दर्ज की गई। साथ ही शिकायत में 2015 से 2022 के बीच किस तरह बैंक को पैसे का भुगतान कर दिया गया यह बात छिपाई गई। जिस मामले में मुंबई पुलिस को अधिकार भी नहीं है किसने दबाव डालकर एफआईआर दर्ज कराई इसकी सीबीआई जांच कराई जानी चाहिए। यह एक साजिश के तहत किया गया। अगर शिकायत की गई थी तो वापस क्यों ली गई। कंबोज ने कहा कि राज्य सरकार लगातार उन्हें अलग-अलग मामलों में फंसाने की कोशिश कर रही है। यहां तक कि उनकी मॉब लिंचिंग की भी कोशिश हुई। अगर महाराष्ट्र सरकार सोचती है कि यह सब करके मेरी आवाज दबा देगी तो मैं साफ साफ कहना चाहता हूं कि एक हजार फर्जी मामले दर्ज कर लिए जाएं तो भी मैं जवाब दूंगा। अनिल परब, अनिल देशमुख, नवाब मलिक, संजय राऊत के भ्रष्टाचार पर हो रही कार्रवाई के चलते बदले की भावना से मुझ पर फर्जी मामला दर्ज कर फंसाने की कोशिश की जा रही है। इससे पता चलता है कि सरकार किस तरह पुलिस विभाग का दुरूपयोग कर रही है। जिसने पूरी साजिश रची है उसे 30 जून से पहले जवाब दूंगा। एक आदमी का 21 साल का भ्रष्टाचार मैं जल्द ही बाहर लाऊंगा।
Created On :   2 Jun 2022 10:37 PM IST