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एटीएम कार्ड से धोखाधड़ी होने पर बैंक जिम्मेदार- जिला फोरम का आदेश, ग्राहक को दे 90 हजार
डिजिटल डेस्क सतना। एटीएम से नई दिल्ली और गुडग़ांव में हुई ऑनलाइन शॉपिंग और निकासी के लिए जिला फोरम ने बैंक को जिम्मेदार माना है। जिला फोरम पीठ के अध्यक्ष बीएल वर्मा और सदस्य द्वय सावित्री सिंह और राकेश मिश्रा की पीठ ने बैंक को आदेशित किया है कि वह दो माह के अंदर 90 हजार 630 रुपए 8 प्रतिशत ब्याज के साथ ग्राहक को अदा करे। परिवादी अधिवक्ता अनिल निगम ने बताया कि राजेन्द्र नगर निवासी सोमेश और अर्चना गुप्ता का ज्वाइंट एकाउंट बिरला कालोनी स्थित स्टेट बैंक में संचालित है। बैंक ने वर्ष 2006 में एटीएम प्रदान किया था। वर्ष 2013 के अपै्रल में एकाउंट में 93 हजार 41 रुपए का बैलेंस था। खाताधारक परिवादी ने जब 13 अप्रैल 2013 को एटीएम से पैसा निकालना चाहा तो राशि नहीं निकली। पासबुक प्रिंट कराने पर 4 अपै्रल और 11 अपै्रल के बीच कई ट्रांजेक्शन हुए, जिनमें ऑनलाइन शॉपिंग की गई। परिवादी ने घटना की शिकायत बैंक, थाना और बैंकिंग लोकपाल में दर्ज कराया। इसके बावजूद भी शिकायत का निराकरण नहीं किया गया, न ही शिकायत और फ्राड से सम्बंधित जानकारी खाताधारक को दी गई।
एक दिन में नियमों के मुताबिक तीन से ज्यादा ट्रांजेक्शन नहीं हो सकते
खाताधारक ने बैंक के विरुद्ध परिवाद जिला फोरम में दाखिल कर घटना के बारे में बताया और यह भी बताया कि एटीएम कार्ड से एक दिन में नियमों के मुताबिक तीन से ज्यादा ट्रांजेक्शन नहीं हो सकते, लेकिन उनके खाते से 5-6 बार ऑनलाइन शॉपिंग (ट्रांजेक्शन) हुई है। ऐसा बैंक वालों के मिली भगत के बिना संभव नहीं है। बैंक की ओर से शिकायत को निराधार बताया गया और कहा गया कि खाताधारक की लापरवाही से ऐसा हुआ है, जिसके लिए बैंक जिम्मेदार नहीं है। जिला फोरम ने बैंक की इस लापरवाही को सेवा में कमी मानते हुए शिकायतकर्ता (ग्राहक) को आहरित राशि 90 हजार 630 रुपए 8 प्रतिशत ब्याज के साथ दिलाई है। इसके साथ ही आर्थिक व मानसिक कष्ट और परिवाद व्यय के मद में 7 हजार रुपए दिए जाने का आदेश दिया है। जिला फोरम ने स्पष्ट किया है कि यदि निर्धारित अवधि में राशि का भुगतान नहीं किया तो 10 प्रतिशत ब्याज अतिरिक्त देय होगा।
Created On :   8 Nov 2019 9:31 AM GMT