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हाईकोर्ट : परिवार नियोजन ऑपरेशन के बावजूद दो बार बन गई मां, देना होगा मुआवजा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने परिवार नियोजन ऑपरेशन के दो बार विफल होनेे के चलते गर्भवती हुई महिला को दिए गए 60 हजार के मुआवजे के आदेश को बरकरार रखा है। महिला को पहले से दो बच्चे थे। वह और बच्चे नहीं चाहती थी इसलिए उसने पहली बार 1998 में परिवार नियोजन का ऑपरेशन कराया था। लेकिन इसके बाद वह गर्भवती हो गई। और उसने साल 2000 में तीसरे बच्चे को जन्म दिया। कोल्हापुर निवासी महिला ने तीसरे बच्चे के जन्म के बाद राष्ट्रीय परिवार नियोजन के तहत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दोबारा साल 2002 में परिवार नियोजन आपरेशन के लिए गई तो इस बार सर्जरी के बाद महिला को सफल आपरेशन का प्रमाणपत्र भी दिया गया। लेकिन कुछ समय बाद फिर महिला को पता चला की गर्भवती है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद महिला ने स्थानीय कोर्ट में परिवार नियोजन के आपरेशन में डाक्टरों द्वारा लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए मुआवजे के लिए दावा दायर किया। महिला ने दावा किया था कि डॉक्टर की लापरवाही के चलते उसे अनचाहा गर्भधारण करना पड़ा है। और इसके लिए खर्च भी करना पड़ा है।
कोर्ट में प्राथमिक स्वास्थय केंद्र के वकील की ओर से दलील दी गई की जब महिला का परिवार नियोजन का आपरेशन किया गया था तो उसका दाहिनी तरफ का ट्यूब नजर ही नहीं आया। इसके लिए डाक्टरों ने उसके एक ही ट्यूब को दो बार बंद किया। महिला मुआवजे के लिए पात्र नहीं है क्योंकि उन्होंने अपनी स्वेच्छा से चौथी बार गर्भधारण किया है। क्योंकि महिला के पास गर्भपात का भी विकल्प था। महिला को 15 वें सप्ताह में ही गर्भवती होने की जानकारी हो गई थी। इसके अलावा प्राथमिक स्वास्थय केंद्र की मुआवजा देने को लेकर कोई वैधानिक जिम्मेदारी नहीं है। निचली अदालत ने प्राथमिक स्वास्थय केंद्र व कोल्हापुर जिला परिषद की इन दलीलों को खारिज करते हुए महिला को मुआवजा देने का निर्देश दिया। जिसके खिलाफ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व कोल्हापुर जिला परिषद ने हाईकोर्ट में अपील दायर की थी।
न्यायमूर्ति नितिन सांब्रे के सामने इस अपील पर सुनवाई हुई। मामले से जुड़े दस्तावेजी सबूतों पर गौर करने के बाद न्यायमूर्ति ने मुआवजे के आदेश को कायम रखा और कहा कि इस मामले में डाक्टर की लापरवाही साफ नजर आ रही है। क्योंकि आपरेशन के दौरान महिला का केवल एक ही ट्यूब बंद किया गया था। इसलिए सैद्धांतिक तौर पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व कोल्हापुर जिला परिषद को महिला को मुआवजा देना होगा। यह कहते हुए न्यायमूर्ति ने प्राथमिक स्वास्थय केंद्र की ओर से की गई अपील को खारिज कर दिया और मुआवजे के आदेश को कायम रखा।
Created On :   8 Jan 2020 7:48 PM IST