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बायो माइनिंग पद्धति से होगा भांडेवाड़ी का कचरा नष्ट, मुक्त होगी 32 एकड़ जमीन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पूर्व नागपुर स्थित भांडेवाड़ी डंपिंग यार्ड परिसर से सटे लोगों को राहत देने के लिए एक बड़ी पहल की गई है। भांडेवाड़ी डंपिंग यार्ड में वर्षों से जमा कचरा नष्ट करने के लिए बायोमाइनिंग पद्धति का इस्तेमाल किया जाएगा। दावा है कि वैज्ञानिक पद्धति से बायो माइनिंग कर कचरा पूरी तरह नष्ट किया जाएगा और जमीन कचरे से मुक्त होगी। विशेष यह कि आयुक्त तुकाराम मुंढे ने इसके लिए पांच ट्रांसफर स्टेशन बनाने की योजना रद्द कर दी है। अब यह पैसा बायो माइनिंग पर खर्च किया जाएगा। इसके लिए 40 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। आयुक्त तुकाराम मुंढे ने पिछले सप्ताह भांडेवाडी डंपिंग यार्ड को भेंट दी थी। वहां कचरे के ढेर देखकर वे नाराज थे। उन्होंने संबंधित अधिकारियों की त्रुटियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। हर साल गर्मी के दिनों में कचरे में आग लगने की घटनाएं होती है और वायु प्रदूषण के कारण नागरिकों का स्वास्थ्य खतरे में पड़ता है। अब तक एक लाख से ज्यादा नागरिकों में अस्थमा जैसे रोगों के लक्षण देखे गए है। इसके विरोध में परिसर के नागरिकों ने ग्रीन ट्रिब्यूनल में एक याचिका भी दाखिल की है। इस बीच आयुक्त मुंढे ने नागपुर स्मार्ट सिटी प्रकल्प की समीक्षा की। नागपुर शहर से जाने वाला कचरा एकत्रित करने के लिए ट्रान्सफर स्टेशन का प्रस्ताव था। इसके लिए स्मार्ट सिटी प्रकल्प के माध्यम से पांच ट्रांसफर स्टेशन प्रस्तावित किए गए थे। घर-घर से एकत्रित होने वाला कचार छोटी गाड़ियों के माध्मय से ट्रान्सफर स्टेशन में लाकर और उस कचरे को बड़े कंटेनर के माध्यम से भांडेवाडी तक ले जाने की प्रक्रिया प्रस्तावित थी। इसके लिए निविदा प्रक्रिया आरंभ की गई थी। स्मार्ट सिटी प्रकल्प से 40 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था। मनपा आयुक्त तुकाराम मुंढे ने स्मार्ट सिटी प्रकल्प के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पद की जिम्मेदारी संभालने के बाद प्रस्तावित ट्रांसफर स्टेशन की निविदा प्रक्रिया रद्द कर उसके 40 करोड़ रुपए बायोमाइनिंग प्रकल्प में उपयोग करने का निर्णय लिया। उन्होंने नागपुर स्मार्ट सिटी प्रकल्प के चेयरमैन प्रवीण परदेशी को इस बाबत जानकारी दी है।
आयुक्त ने दिया ‘चार आर’ का मंत्र
आयुक्त तुकाराम मुंढे ने कहा कि स्वच्छता दूत द्वारा जमा किए जाने वाला कचरा भांडेवाडी तक अलग-अलग करके ले जाए, इसके लिए नागरिकों का सहकार्य आवश्यक है। नागरिक घर से ही गीला और सूखा कचरा अलग करके दे। नागरिकों की उत्तम सेहत के लिए और कचरे को ठिकाने लगाने के लिए चार आर का मंत्र दिया। आयुक्त ने आह्वान किया कि नागरिक घर से उत्पन्न होने वाले कचरे को कम करें। उन्होंने इसे रिड्यूस करने कहा। सूखे कचरे का पुर्नउपयोग (रि-यूज) करने की सलाह भी दी। तीसरा आर यानी पुर्नप्रक्रिया (रि-साइकिल) है। आयुक्त ने गीला और सूखा कचरे पर पुर्नप्रक्रिया करने का आदेश संबंधितों को दिया है। चौथे आर का मंत्र देते हुए नागरिकों को प्लास्टिक का उपयोग (रिफ्यूस) करने का आग्रह किया।
वैज्ञानिक पद्धति से खुलेगा रास्ता
भांडेवाड़ी में 6-7 लाख मीट्रिक टन पुराना कचरा जमा है। कचरे के ढेर के कारण प्रक्रिया करने के लिए जगह उपलब्ध नहीं है। इस कचरे पर वैज्ञानिक पद्धति से प्रक्रिया होने पर 32 एकड़ जगह मनपा को उपलब्ध हो सकती है। इस जगह का उपयोग भांडेवाड़ी डंपिंग यार्ड में वैज्ञानिक पद्धति से प्रक्रिया करने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है।
Created On :   19 Feb 2020 2:08 PM IST