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भीमा-कोरेगांव : सरकार के खिलाफ ‘युध्द जैसी परिस्थिति’ का सबूत नहीं

डिजिटल डेस्क, मुंबई। भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी अरुण फरेरा के वकील सुदीप पासबोला ने बांबे हाईकोर्ट में दावा किया है कि ऐसा कोई सबूत मौजूद नहीं है जो दर्शाए की उनके मुवक्किल(फरेरा) व अन्य लोगों ने सरकार के खिलाफ ‘युध्द जैसी परिस्थिति’पैदा की थी। हाईकोर्ट में फरेरा के जमानत आवेदन पर सुनवाई चल रही है। न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल के सामने फरेरा के वकील पासबोला ने प्रकरण को लेकर पुलिस की ओर से दायर आरोपपत्र के आधार पर कहा कि पुलिस ने आरोपपत्र के साथ जो डिजिटल सबूत व बयान जोड़े है। वे इस मामले में मेरे मुवक्किल की भूमिका को नहीं दर्शाते है। पुलिस के पास मेरे मुवक्किल के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने मेरे मुवक्किल के घर से जो किताबे व लेख जब्त किए है। उन्हें सबूत के तौर पर नहीं देखा जा सकता है। मेरे मुवक्किल के घर से जो भी किताबे मिली है उसमे से किसी भी किताब पर सरकार ने प्रतिबंध नहीं लगाया है। उन्होंने कहा कि भीमा-कोरेगांव मामले में आतंकवाद विरोधी कानून युएपीए कानून के प्रावधानों को नहीं लगाया जा सकता है । उन्होंने कहा कि जब आतंकी हमला ही नहीं हुआ तो इस प्रकरण में कैसे आतंक का आरोप लगाया जा सकता है। मामले की अगली सुनवाई एक अक्टूबर को होगी।
Created On :   23 Sept 2019 9:57 PM IST