भीमा-कोरेगांव हिंसा : नवलखा व तेलतुंबडे के जमानत आवेदन खारिज, एनआईए को सौंपा मामला

Bhima-Koregaon violence: Navalakha and Teltumbdes bail application rejected
भीमा-कोरेगांव हिंसा : नवलखा व तेलतुंबडे के जमानत आवेदन खारिज, एनआईए को सौंपा मामला
भीमा-कोरेगांव हिंसा : नवलखा व तेलतुंबडे के जमानत आवेदन खारिज, एनआईए को सौंपा मामला

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी  सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा व प्रोफेसर आनंद तेलतुंबड़े के अग्रिम जमानत आवेदन को खारिज कर दिया है। न्यायमूर्ति पीडी नाईक ने नवलखा व तेलतुंबडे के जमानत आवेजन को खारिज करते हुए उन्हें गिरफ्तारी से मिली अंतरिम राहत को चार सप्ताह तक के लिए बरकरार रखा है। ताकि वे सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सके। नवलखा व तेलतुंबडे के खिलाफ पुणे पुलिस ने जनवरी भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले को लेकर आपराधिक मामला दर्ज किया है। दोनों पर माओवादियों से कथित संबंध व हिंसा से जुड़ी साजिश में शामिल होने का आरोप है। पुलिस के मुताबिक एल्गार परिषद में दिए गए भडकाउ भाषण के चलते भीमा-कोरेगांव में हिंसा भड़की थी। नवंबर 2018 में पुणे की सत्र न्यायालय ने नवलखा व तेलतुंबडे को जमानत देने से इंकार कर दिया था। लिहाजा दोनों ने जमानत के लिए हाईकोर्ट में अपील की थी। न्यायमूर्ति नाईक के सामने सुनवाई के दौरान नवलखा के वकील युग चौधरी ने दावा किया था कि उनके मुवक्किल को इस मामले में फंसाया गया है। उनकी इस मामले में कोई भूमिका नहीं है। पुलिस के पास मेरे मुवक्किल की इस प्रकरण में संलिप्तता दर्शानेवाले कोई सबूत नहीं है। इसलिए उन्हें जमानत प्रदान की जाए। जबकि विशेष सरकारी वकील अरुणा पई ने आरोपियों की जमानत का विरोध किया था। उन्होंने साफ किया था कि आरोपियों ने भीमा-कोरेगांव की हिंसा की साजिश में शामिल थे। पुलिस आरोपियों के खिलाफ कई दस्तावेजी सबूत मिले है जो दर्शाते है कि अरोपी नवलखा व तेलतुंबडे प्रकरण में गिरफ्तार किए गए दूसरे आरोपियों के संपर्क में थे। आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ किया जाना जरुरी है। मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति ने नवलखा व तेलतुंबड़े के जमानत आवेदन को खारिज कर दिया। लेकिन गिरफ्तारी पर लगी रोक को चार सप्ताह तक के लिए बरकरार रखा है। ताकि वे सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सके। 

एल्गार परिषद आयोजन की जांच एनआईए को सौंपी

उधर एल्गार परिषद आयोजन मामले की जांच एनआईए को हस्तांतरीत करने की मंजूरी के बाद शुक्रवार को पुणे विशेष न्यायालय ने मामला एनआईए के मुंबई स्थित विशेष न्यायालय भेजने की मंजूरी दी। बता दें कि मामले की जांच संबंधित कागजात एनआईए को हस्तांतरित किए गए और मामले की सुनवाई मुंबई स्थित एनआईए के विशेष न्यायालय में होगी। इसी मांग को लेकर एनआईए ने पुणे विशेष न्यायालय में अर्जी दी थी। मामले की जांच एनआईए को हस्तांतरीत करने के मुद्दे पर राज्य सरकार ने विरोध किया था उस वक्त कहा गया था कि मामले की जांच करने के लिए महाराष्ट्र पुलिस सक्षम है।विशेष न्यायाधीश एस. आर. नावंदर के समक्ष अर्जी पर सुनवाई हुई थी। इसके बाद 14 फरवरी को फिर से सुनवाई हुई। शुरू में विरोध करनेवाली राज्य सरकार ने आखिरकार जांच एनआईए को हस्तांतरीत करने को मंजूरी दे दी। मामले की सुनवाई एनआईए के मुंबई स्थित विशेष न्यायालय में होगी।  
 

Created On :   14 Feb 2020 7:40 PM IST

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