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एसटीएफ का बड़ा खुलासा - जम्मू-कश्मीर के शस्त्र लाइसेंस का सतना में हुआ था नवीनीकरण
![Big disclosure of STF - Arms license of Jammu and Kashmir was renewed in Satna Big disclosure of STF - Arms license of Jammu and Kashmir was renewed in Satna](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/2020/02/big-disclosure-of-stf-arms-license-of-jammu-and-kashmir-was-renewed-in-satna_730X365.jpeg)
2 शाखा प्रभारियों के विरुद्ध अपराध दर्ज, सामने आए 25 मामले
डिजिटल डेस्क सतना। कलेक्टर कार्यालय की शस्त्र शाखा के बहुचर्चित लाइसेंस फर्जीवाड़े पर बड़ा खुलासा करते हुए एसटीएफ ने गुरुवार को कई अहम राज खोले। यहां वर्ष 2004 से वर्ष 2014 के मध्य जारी किए गए शस्त्र लाइसेंसों की जांच कर रही एसटीएफ के पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह भदौरिया (भोपाल-जबलपुर) ने बताया कि जम्मू कश्मीर के रामवन जिले से जारी रामाश्रय वर्मा के शस्त्र लाइसेंस का नवीनीकरण यहां की शस्त्र शाखा से किया गया था। नियमों के तहत ऐसे किसी भी शस्त्र का नवीनीकरण करने से पहले शासन की अनुमति के साथ रामवन के जिला दंडाधिकारी से पुष्टि करानी चाहिए थी, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं किया गया।
एसटीएफ के एसपी ने बताया कि शस्त्र लाइसेंसों में फर्जीवाड़े के ऐसे 25 अपराधों की पुष्टि के बाद तबके शस्त्र शाखा प्रभारी युगुल किशोर गर्ग (सहायक ग्रेड-2) और अभयराज सिंह (सहायक ग्रेड-3)के विरुद्ध धोखाधड़ी और आयुध अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किए हैं।
ये हैं जांच के बिंदु
* शासन की अनुमति के बिना विधि विरुद्ध सीमा क्षेत्र में वृद्धि करना।
* अतिरिक्त शस्त्र क्रय करने की स्वीकृति सक्षम अधिकारी के बिना प्रदान करना।
* बिना शासन के आदेश के कारतूसों की संख्या में वृद्धि।
* दूसरे प्रदेश के व्यक्तियों को लाइसेंस जारी किया जाना।
* जम्मू -कश्मीर के शस्त्र लाइसेंस का नवीनीकरण।
* बिना वैध अनुमति शस्त्र लाइसेंस की द्वितीय प्रति तैयार करना।
दस्यु प्रभावित क्षेत्र में कारतूसों की कालाबाजारी
एसटीएफ के एसपी ने कारतूसों की कालाबाजारी की भी आशंका जताई है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के संधि स्थल पर दस्यु प्रभावित क्षेत्र में कारतूसों की कालाबाजारी की आशंका की भी बारीकी से जांच चल रही है। अब तक सामने आए लाइसेंस फर्जीवाड़े के कुल 25 मामलों में से 7 ऐसे मामले सामने आए हैं,जिनमें विधि विरुद्ध कारतूसों की संख्या में वृद्धि की गई। शस्त्र शाखा प्रभारियों के खिलाफ इस आशय की शिकायतें शस्त्र अनुज्ञप्तिधारी कौशल त्रिपाठी निवासी खोही (थाना बरौंधा), गोविंद नारायण निवासी गढिय़ा टोला (सिविल लाइन), माधुरी सिंह निवासी कोठी रोड (थाना सिविल लाइन), मनीष पांडेय निवासी भियामऊ (थाना बरौंधा), पंकज सिंह बागरी निवासी झाली (थाना कोठी), नीलम सिंह निवासी चाणक्यपुरी (थाना कोलगवां) और महादेव कुशवाहा निवासी डिलौरा (थाना कोलगवां) ने की थी।
एडीजी ने बनाई थी स्पेशल टीम
एसटीएफ के पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह भदौरिया ने बताया कि सतना जिले की शस्त्र शाखा में वर्ष 2004 से वर्ष 2014 के मध्य किए गए लाइसेंस फर्जीवाड़े की जांच हेतु विधानसभा में राज्य शासन के आश्वासन ( क्रमांक- 592) के क्रम में एटीएफ के एडीजी डा.अशोक अवस्थी ने जांच के लिए विशेष टीम गठित की थी। एसपी श्री भदौरिया के नेतृत्व में गठित इस विशेष दल में निरीक्षक गणेश सिंह ठाकुर, एएसआई रघुवीर सिंह सरौत, आरक्षक प्रवीण बावरिया, क्षत्रपाल सिंह और आरक्षक दिलावर सिंह को शामिल किया गया था। शस्त्र माफिया के विरुद्ध एसटीएफ इसे अपनी बड़ी कामयाबी मानती है।
थाने की आपत्ति के बाद भी लाइसेंस :—
जिले में वर्ष 2004 से वर्ष 2014 के मध्य जारी किए गए शस्त्र लाइसेंसों में अंधेरगर्दी इस कदर थी कि एक तरफ जहां जम्मू कश्मीर से बने एक शस्त्र लाइसेंस का यहां नवीनीकरण कर दिया गया, वहीं उचेहरा थाने की आपत्ति के बाद भी एक आवेदक के उत्तर प्रदेश के निवासी होने के बाद भी उसे शस्त्र लाइसेंस जारी कर दिया गया। इस आशय की शिकायत ओमेन्द्र मोहन निवासी पतौरा (उचेहरा) ने दर्ज कराई थी।
शिकायतकर्ताओं में चित्रकूट के विधायक भी
* सीमा क्षेत्र में वृद्धि पर सबसे ज्यादा गफलत
एटीएफ की जांच में अब तक सर्वाधिक गफलत शस्त्र लाइसेसों के सीमा क्षेत्र में वृद्धि को लेकर आई है। चित्रकूट से कांग्रेस के विधायक नीलांशु चतुर्वेदी भी इन्हीं शिकायतकर्ताओं में से एक हैं। विधायक श्री चतुर्वेदी ने स्पष्ट किया कि एमपी-यूपी के बार्डर और दस्यु प्रभावित क्षेत्र के कारण उन्होंने सीमा वृद्धि के लिए आवेदन किया था। विधायक ने इस तथ्य पर हैरानी जताई कि सीमा वृद्धि की अनुमति विधि अनुरुप प्राधिकृत अधिकारी (डीएम) से दिलाए जाने के बजाय शस्त्र शाखा के तबके के प्रभारी ने विधि विरुद्ध स्वयं दे दी थी। कलेक्टर डा.सतेन्द्र सिंह ने भी स्पष्ट किया कि इन मामलों में शस्त्र के अनुज्ञप्तिधारियों का दोष नहीं है।
इनका कहना है
एसटीएफ के एडीजे के निर्देश पर गठित विशेष जांच दल ने वर्ष 2004 से वर्ष 2014 के मध्य हुए शस्त्र लाइसेंस के फर्जीवाड़े के अब तक 25 मामले पकड़े हैं। इस मामले में शस्त्र शाखा के तबके 2 शाखा प्रभारी क्लर्कों के खिलाफ अपराध दर्ज किए गए हैं।
राजेश सिंह भदौरिया , एसटीएफ के एसपी(भोपाल-जबलपुर)
Created On :   14 Feb 2020 7:44 AM GMT