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मराठा आरक्षण के लिए लॉकडाउन के बाद बीड़ से निकलेगा विशाल मोर्चा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। सुप्रीम कोर्ट के मराठा आरक्षण रद्द करने के फैसले के बाद अब मराठा समाज राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन करेगा। शिव संग्राम के नेतृत्व में मराठा समाज की ओर से बीड़ में 24 मई को बड़ा मोर्चा निकाला जाएगा। शिव संग्राम के अध्यक्ष विनायक मेटे ने यह जानकारी दी। बुधवार को मुंबई मराठी पत्रकार संघ में पत्रकारों से बातचीत में मेटे ने कहा कि यदि राज्य में लॉकडाउन को हटा लिया गया तो 24 मई को मोर्चा निकाला जाएगा पर लॉकडाउन कायम रहा तो इसके हटाने का इंतजार किया जाएगा। इसके बाद लॉकडाउन खत्म होने के 4 से 5 दिनों के भीतर बीड़ में ही मोर्चा निकाला जाएगा। मेटे ने कहा कि लॉकडाउन कायम रहा तो 18 मई को हर तहसील में चेतावनी आंदोलन किया जाएगा। मेटे ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान 21 से 23 मई के बीच हर जिले में मंत्रियों के वाहनों को रोका जाएगा। शिव संग्राम के कार्यकर्ता मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के वाहनों को मुंबई में रोकेंगे। मेटेने कहा कि कोरोना के नियमों का पालन करते हुए आंदोलन किया जाएगा। क्योंकि सड़कों पर उतरे बिना न्याय मिलना मुश्किल है।
उद्धव-चव्हाण जिम्मेदार
मराठा नेतामेटे ने कहा कि मराठा आरक्षण रद्द होने के लिए राज्य के सार्वजनिक निर्माण कार्य मंत्री तथा मराठा आरक्षण उपसमिति के अध्यक्ष अशोक चव्हाण और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे जिम्मेदार हैं। इसलिए चव्हाण को इस्तीफा देना चाहिए। मेटे ने कहा कि मुख्यमंत्री ने मराठा आरक्षण के लिए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को ज्ञापन सौंपा है। राज्यपाल को ज्ञापन देने से किसी समाज को आरक्षण मिल सकता है क्या? सरकार को कम से कम सुप्रीम कोर्ट के फैसले की समीक्षा के लिए गठित भोसले समिति की रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए था। मेटे ने कहा कि इस तरह की जल्दबाजी केवल राजनीति के लिए की जा सकती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि किसी कानून के तहत राज्य को अब मराठा आरक्षण देने का अधिकार नहीं है और किस कानून के तहत केंद्र सरकार मराठा आरक्षण दे सकती है। मेटे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार राज्य सरकार को मराठा आरक्षण की दिशा में कदम उठाने के लिए तत्काल पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन करना चाहिए। मेटे ने कहा कि सरकार को मराठा समाज के लिए केंद्र सरकार केआर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) का 10 प्रतिशत आरक्षण लागू करने के लिए संशोधित आदेश जारी करना चाहिए। इसके अलावा आरक्षण को छोड़कर ओबीसी समाज के लिए शिक्षा के लिएलागू सभी सहूलियतों को मराठा समाज को देना चाहिए।
Created On :   12 May 2021 8:04 PM IST