- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- पुणे
- /
- बैंकों की बड़ी जिम्मेदारी, जनता का...
बैंकों की बड़ी जिम्मेदारी, जनता का विश्वास बनाए रखने का प्रयास करें - राष्ट्रपति
डिजिटल डेस्क, पुणे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को कहा कि देश की आर्थिक व्यवस्था में बैंकों का महत्व ध्यान रखते हुए बैंकिंग नियमन कानून लागू किया गया। सार्वजनिक पैसों के संरक्षक के तौर पर बैंकों की जिम्मेदारी महत्वपूर्ण हैं। इसलिए बैंकों पर जनता का विश्वास खंडित नहीं होना चाहिए। नैशनल इन्स्टीटयूट ऑफ बैंक मैनेजमेंट (एनआईबीएम) के स्वर्ण महोत्सवी समारोह में राष्ट्रपति शामिल हुए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि बैंक आर्थिक व्यवस्था की उन्नति से जुड़े हैं। अपनी कार्यक्षमता के कारण बैंकों ने लाेगों का विश्वास हासिल किया है। देश के आर्थिक विकास को गति देने में बैंकों ने उत्कृष्ट कार्य किया है। आजादी के समय बैंकिंग क्षेत्र को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उसके बाद इस क्षेत्र ने जो प्रगति की, वह संतोषजनक है। देश के अधिकतम गांवों में बैंकों की शाखाएं हैं।
इस क्षेत्र की क्षमता बढ़ाने के लिए एनआईबीएम की स्थापना की गई। अनुसंधान, प्रशिक्षण, शिक्षा, तथा सलाह इस हेतु इस स्वायत्त संस्था की स्थापना की गई। संस्था के माध्यम से अधिकाधिक बैंकर्स प्रशिक्षित हुए हैं। संस्था में अनुसंधान के लिए बेहतर सुविधाएं है। इन सुविधाओं का उपयोग गरीब घटकों के लिए आर्थिक उत्थान के लिए किया जाना चाहिए। आखिरकार देश की प्रगति गरीबों के सामूहिक आर्थिक सामर्थ्य के योगदान पर निर्भर है।
समारोह में राष्ट्रपति के हाथों एनआईबीएम संस्था की कार्य पुस्तिका तथा डाक टिकट का विमाेचन और बोधचिन्ह का अनावरण किया गया। इस मैके पर राष्ट्रपति की पत्नी सविता कोविंद, राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी, परिवहन तथा संसदीय कार्यमंत्री एड. अनिल परब, रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास, एनआईबीएम के निदेशक डॉ. के. एल. धिंग्रा, विभागीय आयुक्त डॉ. दीपक म्हैसेकर, जिलाधिकारी नवल किशोर राम, पुलिय आयुक्त डॉ . के. वेंकटेशम समेत विविध क्षेत्र के सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
Created On :   12 Feb 2020 5:55 PM IST