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बर्ड फ्लू अलर्ट: जिले में 9 पक्षियों की मौत, प्रयोगशाल में सुरक्षित रखे गए शव

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। जिले के अलग-अलग हिस्सों से बुधवार को 9 वन्य पक्षियों की मौत के मामले सामने आए हैं। इनमें कौए, उल्लू, फड़कुल के अलावा ब्लैक बर्ड और तीतर नए पक्षी मिले हैं। बर्ड फ्लू प्रोटोकॉल के तहत इन पक्षियों के शव को जिला स्तरीय प्रयोगशाला में सुरक्षित रखा गया है।
जानकारी अनुसार बुधवार को भी वन्य पक्षियों की मौत का सिलसिला जारी रहा। बर्ड फ्लू के संदेह पर जिले के पांच इलाकों से मृत अवस्था में 9 वन्य पक्षियों के शव को सुरक्षित किया गया है। अब तक जिले में पोल्ट्री बर्ड में बर्ड फ्लू के लक्षण देखने नहीं मिले हैं, लेकिन वन्य पक्षियों की मौत लगातार हो रही है। जिले से भेजे गए सेंपल की रिपोर्ट नहीं मिलने से बर्ड फ्लू की दहशत जिले में बरकरार है।
इन जगहों से मिले
मृत पक्षी
शहर- 1 ब्लैक बर्ड
बड़कुही- 2 कौए
उमरिया- 1 कौआ, 1 उल्लू
बिछुआ- 1 कौआ
खमारपानी- 1 कौआ, 1 तीतर
पिपलानारायणवार- 1 फड़कुल
नई प्रजाति के पक्षियों का भेजेंगे सेम्पल
हाई सिक्योरिटी लैब से मिले निर्देश पर जिले से अब तक कौआ, फड़कुल, उल्लू, बाज, बताशी जैसे पांच अलग-अलग प्रजाति के पक्षियों के सेम्पल भेजे गए हैं। इसके बाद तीतर, ब्लैक बर्ड जैसी नई प्रजाति के पक्षियों के सेंपल को जांच के लिए भेजा जाएगा। प्रयोगशाला में रखे गए पक्षियों के शवों को शासन के निर्देश मिलने तक सुरक्षित रखा जाएगा।
पोल्ट्री बर्ड पर निगाह
पशु चिकित्सा विभाग सहित जिला प्रशासन पोल्ट्री बर्ड पर पूरी निगाह बनाए हुए हैं। संक्रमण के डर के कारण जिले में पोल्ट्री का व्यवसाय करने वालों ने स्टॉक को लगातार कम करना शुरू कर दिया है। चिकन व अंडे की गिरती मांग के कारण इसका स्टॉक भी बहुत कम होता जा रहा है।
इनका कहना है
॥हाई सिक्योरिटी लैब की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। अब तक पोल्ट्री बर्ड में वायरस के कोई भी लक्षण सामने नहीं आए हैं। वन्य पक्षियों में भी बर्ड फ्लू के वायरस की पुष्टि रिपोर्ट आने के बाद ही होगी। एहतियातन सतर्कता बरती जा रही है।
-डॉ. एचजीएस पक्षवार,
उप संचालक पशुचिकित्सा
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।