बीजेपी ने बनाई सावरकर पर शिवसेना को मुश्किल में डालने की रणनीति

BJP made a strategy to trouble Shiv Sena on Savarkar
बीजेपी ने बनाई सावरकर पर शिवसेना को मुश्किल में डालने की रणनीति
बीजेपी ने बनाई सावरकर पर शिवसेना को मुश्किल में डालने की रणनीति

डिजिटल डेस्क, मुंबई। आगामी 24 फरवरी से शुरु हो रहे महाराष्ट्र विधानमंडल के बजट सत्र में हिंदुत्व के विचारक विनायक दामोदर सावरकर के मुद्दे पर भाजपा और शिवसेना के बीच घमासान होना तय है। भाजपा की सावरकर के बहाने शिवसेना को घेरने की रणनीति है। सोमवार को विधानमंडल में हुई विधानसभा की कामकाज सलाहकार समिति की बैठक में भाजपा ने बजट सत्र के दौरान सावरकर की पुण्यतिथि (26 फरवरी) पर उनके सम्मान में गौरव प्रस्ताव पेश करने की मांग की हालांकि महाविकास आघाडी सरकार ने भाजपा कि इस मांग को स्वीकार नहीं किया। ठाकरे सरकार की तरफ से कहा है कि सावरकर के गौरव प्रस्ताव पेश करने की अनुमति देने का फैसला विधानसभा के अध्यक्ष नाना पटोले लेंगे। विधानभवन परिसर में पत्रकारों से बातचीत में भाजपा विधायक सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि सावरकर देशभक्ति के चलते-फिरते विश्वविद्यालय थे। उन्होंने हजारों देशभक्तों के मन में देशभक्ति की भावना का निर्माण किया। यह महाराष्ट्र के लिए सम्मान और अभिमान की बात है। इसलिए सावरकर की पुण्यतिथि पर 26 फरवरी को सावरकर गौरव प्रस्ताव सदन में पेश किए जाने की मांग की है। सरकार ने इस बारे में फैसला विधानसभा अध्यक्ष पटोले पर छोड़ दिया है। 

मंजूरी नहीं मिली तो भी लाएंगे प्रस्तावः मुनगंटीवार

एक सवाल के जवाब में मुनगंटीवार ने कहा कि भाजपा की यह मांग शिवसेना के लिए अड़चन कैसे हो सकती है। अगर शिवसेना सावरकर का गौरव करने से मुश्किल में आती है तो पार्टी को ऐसी मुख्यमंत्री की कुर्सी तोड़ देनी चाहिए। शिवसेना को यह फैसला करना पड़ेगा कि पार्टी के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी महत्वपूर्ण है या फिर सावरकर का गौरव। मुनगंटीवार ने कहा कि अगर विधानसभा अध्यक्ष पटोले ने गौरव प्रस्ताव पेश करने की मंजूरी नहीं दी तो भी भाजपा किसी भी हालत में यह प्रस्ताव सदन में लाएगी। जबकि प्रदेश के मदद व पुनर्वसन मंत्री विजय वडेड्डीवार ने कहा कि भाजपा अपनी राजनीति के लिए सावरकर का इस्तेमाल कर रही है। भाजपा ने शिवसेना को मुश्किल में डालने के लिए यह मांग की है। राज्य में पांच साल तक भाजपा की सरकार थी। फडणवीस सरकार के समय भाजपा ने आखिर क्यों गौरव प्रस्ताव मंजूर नहीं कराया।

वडेट्टीवार ने कहा कि भाजपा की ओर से मुनगंटीवार ने कामकाज सलाहकार समिति की बैठक में गौरव प्रस्ताव लाने की मांग की। इस पर सरकार की ओर से उनसे पूछा गया कि इस तरह का प्रस्ताव विधानसभा में कैसे पेश किया जा सकता है। इस पर मुनगंटीवार ने जवाब दिया कि ओबीसी जनगणना की मांग का प्रस्ताव विधानसभा के अध्यक्ष पटोले पेश कर सकते हैं तो सावरकर पर प्रस्ताव क्यों नहीं लाया जा सकता। इस पर सरकार की ओर से कहा गया कि ओबीसी का प्रस्ताव सरकार की ओर से पेश नहीं किया गया था उस प्रस्ताव को विधानसभा अध्यक्ष ने अपने अधिकार के तहत पेश किया था।वडेट्टीवार ने कहा कि मुनगंटीवार के रूख से लग रहा है कि भाजपा ओबीसी विरोधी है। वडेट्टीवार ने कहा केंद्र में भाजपा की सरकार है। भाजपा को केंद्र सरकार से सावरकर को भारत रत्न देने की मांग करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा की स्थिति जल के बिना मछली की हो गई है। भाजपा सत्ता के लिए तड़प रही है। 

शिवसेना का नहीं है विरोधः प्रभु

विधानसभा में शिवसेना के सचेतक सुनील प्रभु ने कहा कि सावरकर के लिए गौरव प्रस्ताव लाने को लेकर हमारा कोई विरोध नहीं है। शिवसेना का हिंदुत्व जगजाहिर है। प्रभु ने कहा कि पिछले पांच सालों तक भाजपा की सरकार राज्य में थी आखिर भाजपा ने सावरकर को भारत रत्न देने की मांग का प्रस्ताव क्यों नहीं सदन में मंजूर किया। 

Created On :   10 Feb 2020 7:33 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story