कार से 50 लाख रुपए मिलने के मामले में भाजपा विधायक को मिली राहत

BJP MLA got relief in matter of Rs 50 lakh found from car
कार से 50 लाख रुपए मिलने के मामले में भाजपा विधायक को मिली राहत
कार से 50 लाख रुपए मिलने के मामले में भाजपा विधायक को मिली राहत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने मुंबई के दहिसर से भाजपा विधायक मनीषा चौधरी को बड़ी राहत प्रदान की है। साल 2014 में विधानसभा चुनाव के दौरान चौधरी की गाड़ी से 50 लाख रुपए नकद मिले थे। इस आधार पर शिवसेना के नेता विनोद घोसालकर ने बीजेपी नेता चौधरी के निर्वाचन रद्द करने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में दावा किया गया था कि चौधरी इस पैसे का इस्तेमाल मतदताओं को घूस देने के लिए करने वाली थी। याचिका के अनुसार जिस कार से पैसे मिले थे उसकी मालिक न सिर्फ चौधरी थी बल्कि यह कार उन्होंने चुनाव आयोग के पास अधिकारिक रुप से पंजीकृत भी कराई थी। कार का इस्तेमाल चुनाव प्रचार में किया जाना था। कार से जब पैसे बरामद किए गए तो उसमे चौधरी का निजी सचिव व ड्राइवर भी मौजूद था। वहीं चौधरी की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मुकेश वशी ने दावा किया कि जो रकम मेरे मुवक्किल के कार से मिली थी, वह उनकी नहीं थी। यह पैसे भारतीय जनता पार्टी के खाते से चुनाव प्रचार के लिए निकाले गए थे। पार्टी की तरफ से इसका सबूत भी पेश किया गया है। पार्टी कार्यालय से पैसे लाने के लिए मेरे मुवक्किल की कार भेजी गई थी। जिसे चुनाव आयोग के निगरानी दस्ते ने दहिसर इलाके में नौ अक्टूबर 2014 को पकड़ा था। श्री वशी ने कहा कि याचिकाकर्ता मेरे मुवक्किल पर लगे आरोपों को संदेह के परे जाकर साबित नहीं कर पाया है। उसने कोई ठोस सबूत नहीं पेश किया है। जिससे मेरे मुवक्किल पर लगे आरोपों को साबित किया जा सके। प्रसंगवश उन्होंने ऐसे ही विषय को लेकर हाईकोर्ट के ही न्यायमूर्ति एससी गुप्ते द्वारा दिए गए एक फैसले का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता ने ऐसा कोई सबूत नहीं पेश किया है जो दर्शाए कि गाड़ी से मिली रकम का इस्तेमाल मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए किया जाने वाला था। न्यायमूर्ति गौतम पटेल ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि याचिकाकर्ता आरोपी पर लगे आरोपों को साबित नहीं कर पाया है लिहाजा याचिका को खारिज किया जाता है। इस दौरान उन्होंने न्यायमूर्ति गुप्ते के फैसले को भी अपने निर्णय का आधार बनाया। 

तलाक के लिए पत्नी के फोटो से छेड़छाड़ करने वाले पति को जमानत नहीं

अपनी पत्नी की तस्वीर के साथ छेड़छाड़ कर उसे अश्लील बनाकर अदालत में पेश करने के मामले में बांबे हाईकोर्ट ने एक पूर्व मिस्टर इंडिया और जाने माने फिटनेस ट्रेनर को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है। आरोपी ने बांद्रा पारिवारिक अदालत में अपनी पत्नी की किसी और शख्स के साथ अर्धनग्न तस्वीर सबूत के तौर पर दी थी जहां दंपति तलाक के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहा है। इससे पहले सत्र न्यायालय ने आरोपी की अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज कर दी थी जिसके बाद उसने बांबे हाईकोर्ट का रुख किया लेकिन वहां भी उसे राहत नहीं मिली। आरोपी ने अपनी अर्जी में दावा किया था कि उसे इंस्टाग्राम पर अपनी पत्नी की तस्वीर मिली थी। लेकिन पुलिस ने यह कहते हुए अग्रिम जमानत याचिका का विरोध किया कि आरोपी मामले में सहयोग नहीं कर रहा और यह नहीं बता रहा है कि तस्वीर का वास्तविक स्त्रोत कौन सा है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुरेखा पाटील ने सुनवाई के दौरान कहा था कि इंस्टाग्राम पर अगर किसी यूजर ने तस्वीर पोस्ट की है तो उनके फ्रेंडलिस्ट में शामिल लोगों को ही यह दिखेगी। अगर खाता सार्वजनिक है तो ही उसे सभी लोग देख पाएंगे। जिस पर पुलिस ने बताया कि आरोपी इस बात का जवाब नहीं दे रहा है कि उसने किस अकाउंट से संबंधित तस्वीर हासिल की है। इसलिए मामले में हिरासत लेकर आरोपी से पूछताछ किए जाने की जरूरत है। दंपति ने जनवरी 2013 में शादी की थी उनकी एक बेटी भी है। मामले में आरोपी के खिलाफ उसकी पत्नी ने पिछले साल मारपीट और घरेलू हिंसा का भी मामला दर्ज कराया था। साथ ही बांद्रा पारिवारिक अदालत में तलाक के लिए भी अर्जी की थी। इस पर सुनवाई के दौरान आरोपी ने अपने वकील के जरिए पत्नी की छेड़छाड़ कर बनाई गई अश्लील तस्वीर वकील के जरिए अदालत में पेश की थी। पीड़िता की वकील ने मामले में आपत्ति जताई जिसके बाद बीकेसी पुलिस स्टेशन में आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 के तहत एफआईआर दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू की थी। 

Created On :   5 March 2019 10:19 AM GMT

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