शिक्षामंत्री के फैसले के खिलाफ मैदान में उतरा बीजेपी का शिक्षक संगठन

bjp teacher Organization are protesting against Education Minister
शिक्षामंत्री के फैसले के खिलाफ मैदान में उतरा बीजेपी का शिक्षक संगठन
शिक्षामंत्री के फैसले के खिलाफ मैदान में उतरा बीजेपी का शिक्षक संगठन

डिजिटल डेस्क,मुंबई। स्कूलों के एग्जाम रिजल्ट और स्टूडेंट्स के गुणवत्ता के अनुसार टीचर्स के वेतन बढ़ोत्तरी संबंधित आदेश को लेकर शिक्षा मंत्री विनोद तावडे का विरोध जारी है। मंत्री तावडे कड़ी आलोचना और विरोध के बावजूद अपने फैसले पर कायम नजर आ रहे हैं। दूसरी ओर राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के शासनादेश में शामिल नए मापदंड को लेकर टीचर्स में भारी रोष देखा जा रहा है। राज्य के शिक्षक विधायकों ने संबंधित शासनादेश को रद्द करने की मांग की है। 

छात्रों की गुणवत्ता के अनुसार मिलेगा वेतन

बुधवार को भाजपा की शिक्षक आघाड़ी ने भी सरकार के आदेश का विरोध किया। शिक्षक आघाड़ी के प्रतिनिधियों ने आंदोलन की चेतावनी दी है। शिक्षक विधायक नारो गाणार ने शासनादेश की प्रति की होली जलाई है। शिक्षक विधायक कपिल पाटील ने कहा कि है कि टीचर्स से पहले मंत्री तावडे की गुणवत्ता जांचने की जरूरत है। 

क्या है शासनादेश 

राज्य के सरकारी स्कूलों के प्राथमिक और माध्यमिक टीचर्स को सेवा में 12 वर्ष और 24 वर्ष पूरा होने के आधार पर वेतन वृद्धि मिलती है। वेतन बढ़ोत्तरी के लिए टीचर्स को प्रशिक्षण पूरा करना अनिवार्य होता है। लेकिन सरकार के स्कूली शिक्षा विभाग ने वेतन बढ़ोत्तरी के लिए नया मापदंड तय किया है। इसके अनुसार प्रशिक्षण पूरा करने वाले जिन माध्यमिक टीचर्स की कक्षा 9 वीं और 10 वीं के छात्रों के एग्जाम रिजल्ट 80 प्रतिशत या उससे ज्यादा है और प्राथमिक स्कूलों के टीचर्स को प्रगत स्कूल व स्कूल सिद्धी का प्रमाण ए ग्रेड पाने वाले शिक्षक की वेतन बढ़ोतरी के लिए पात्र होंगे।

शिक्षक विधायक कपिल पाटील भी जता चुके हैं विरोध 

मुंबई विश्वविद्यालय में परीक्षाओं में देरी और परीक्षाफल में करीब एक साल की देरी हुई थी जिसके बाद शिक्षा मंत्री विनोद तावडे के कामकाज से नाराज होकर विधान परिषद में शिक्षक विधायक कपिल पाटील ने उनके सरकारी बंगले सेवा सदन की नामपट्टीका पर काला कंदील लटका दिया था।

Created On :   25 Oct 2017 9:34 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story