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शिवसेना के सावरकर प्रेम को परखेगी भाजपा, मनाएगी पुण्यतिथि

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विनायक दामोदर सावरकर की कट्टर समर्थक रही शिवसेना कांग्रेस-राकांपा के साथ सरकार बनाने के बाद से सावरकर को लेकर मुश्किल में है। अब सावरकर की पुण्यतिथि के मौके पर भाजपा शिवसेना के सावकर प्रेम की परीक्षा लेना चाहती है। बुधवार को भाजपा जोरशोर से सावरकर की पुण्यतिथि मनाएगी। इस दौरान उसकी नजर अपने पूर्व मित्र दल शिवसेना पर रहेगी। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने मंगलवार को कहा कि कल (बुधवार) देखते हैं, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे मातोश्री में सावरकर की तस्वीर पर माल्यार्पण करते हैं या फिर विधानमंडल में अभिनंदन प्रस्ताव लेकर आते हैं? पाटिल ने कहा कि शिवसेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे को सावरकर पर अभिमान था, अब देखना है कि उद्धव ठाकरे को सावरकर पर अभिमान है या नहीं। सूत्रों के अनुसार बुधवार को भाजपा विधानसभा में सावरकर के मुद्दे को लेकर हंगामा कर सकती है।
भाजपा ने पार्टी कार्यकर्ताओं से वीर सावरकर की पुण्यतिथि जोर-शोर से मनाने को कहा है। भाजपा की तरफ से दादर स्थित स्वामी नारायण मंदिर में वीर सावरकर की पुण्यतिथि मनाई जाएगी। इस कार्यक्रम में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फड़नवीस, प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि हम पूरे प्रदेश में वीर सावरकर की पुण्यतिथि मनाएगे, लेकिन, शिवसेना के सावरकर प्रेम को भी परखेगे। हम चाहते हैं कि शिवसेना की ओर से विधानसभा में वीर सावरकर गौरव प्रस्ताव आए। जब उनसे पूछा गया कि भाजपा की सरकार रहते हुए सावरकर गौरव प्रस्ताव क्यों नहीं लाया गया तो पाटिल ने कहा कि उस समय किसी में सावरकर का अपमान करने की हिम्मत नहीं थी। इसलिए इसकी जरूरत नहीं पड़ी, शिवसेना का सावरकर के प्रति कितना सम्मान है या फिर सम्मान के नाम पर ढोंग करती है। यह जनता के सामने आएगा।
समझा जा रहा है कि सावरकर की पुण्यतिथि के मौके पर एक बार फिर शिवसेना के हिंदुत्व की परीक्षा होगी। शिवसेना सरकार में रहते हुए कांग्रेस की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहेगी, इसलिए सावरकर को लेकर शिवसेना का रूख स्पष्ट नहीं है। महाराष्ट्र में तीन दलों (शिवसेना, कांग्रेस और भाजपा) की महाविकास आघाड़ी सरकार आने के बाद वीर सावरकर के अपमान का सिलसिला शुरू है। शिवसेना हमेशा वीर सावरकर को स्वतंत्रता सेनानी के तौर पर पेश करती रही है, जबकि कांग्रेस सावरकर की हिंदुवादी छवि के चलते उनके विरोध में रही है। हाल ही में महाराष्ट्र कांग्रेस की मासिक पत्रिका ‘शिदोरी’ में सावरकर को लेकर आपत्तिजनक लेख छापे गए थे। इन लेखों में सावरकर का चरित्र हनन किया गया है। जिसका भाजपा ने पुरजोर विरोध किया था, लेकिन शिवसेना ने इसको ज्यादा तूल नहीं दिया था।
Created On :   25 Feb 2020 9:12 PM IST