कांग्रेस के घोषणा पत्र में भाजपा के गोपालदास अग्रवाल का नाम, राकांपा उम्मीदवार ने वापस लिया नामांकन

BJPs Gopaldas Aggarwals name in Congress manifesto
कांग्रेस के घोषणा पत्र में भाजपा के गोपालदास अग्रवाल का नाम, राकांपा उम्मीदवार ने वापस लिया नामांकन
कांग्रेस के घोषणा पत्र में भाजपा के गोपालदास अग्रवाल का नाम, राकांपा उम्मीदवार ने वापस लिया नामांकन

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधानसभा चुनाव के मौके पर कांग्रेस छोड़ गोंदिया से भाजपा के उम्मीदवार बने गोपालदास अग्रवाल का नाम अभी भी कांग्रेस की चुनाव घोषणा पत्र समिति मे है। सोमवार को जारी कांग्रेस-राकांपा के घोषणा पत्र में अग्रवाल का नाम छपा हुआ है। महाआघाडी की तरफ से जो शपथनामा जारी किया गया है, उसमें कांग्रेस की घोषणापत्र समिति में शामिल गोपालदास अग्रवाल का भी नाम है। इस बारे में पार्टी नेताओं का कहना है कि घोषणा पत्र की छपाई पहले ही हो गई थी जबकि अग्रवाल ने हाल ही में दल बदल किया। पार्टी को उनके इस तरह दल बदलने की आशंका नही थी। इस लिए उन्हें पार्टी के घोषणा पत्र समिति का सदस्य बनाया था। 

राकांपा उम्मीदवार ने वापस लिया नामांकन, चार दिन में ही शिवसेना में हो गई घर वापसी 

उधर टिकट न मिलने से नाराज होकर पार्टी छोड़ने वाले पालघर के शिवसेना विधायक अमित घोडा की तीन दोनों में ही घर वापसी हो गई है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की तरफ से नामांकन करने वाले घोडा चार दिन में ही फिर से शिवसेना में लौट आएं हैं। दरअसल घोडा पालघर से राकांपा के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन बंटवारे में यह सीट कांग्रेस के पास चली गई जिसने योगेश नाम को मैदान में उतारा है। इसके बाद घोडा ने अपना पर्चा वापस ले लिया साथ ही पुरानी पार्टी में लौट आए। शिवसेना ने पालघर सीट पर इस बार श्रीनिवास वनगा को उम्मीदवार बनाया है। इससे नाराज मौजूदा विधायक घोडा ने विद्रोही तेवर अपनाते हुए पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया और राकांपा का दामन थाम लिया। उन्होंने पालघर सीट से पर्चा भी भर दिया लेकिन इस से कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। घोडा ने 3 अक्टूबर को पूर्व मुख्यमंत्री अजित पवार और नवाब मलिक की मौजूदगी में राकांपा का दामन थामा था और जोरदार शक्तिप्रदर्शन करते हुए पर्चा भी भरा था लेकिन सीट बंटवारे के चक्कर में राकांपा उन्हें बी फार्म नहीं दे सकी। इस बीच विधायक के पार्टी छोड़ने से परेशान शिवसेना ने अपने वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे को उन्हें मनाने की जिम्मेदारी सौंपी। शिंदे घोडा की घर वापसी कराने में कामयाब रहे। लोकसभा चुनावों के दौरान समझौते के तहत शिवसेना ने भाजपा से आए राजेंद्र गावित को टिकट दिया था और वे जीत हासिल करने में कामयाब रहे। इसके बाद उद्धव ठाकरे ने नाराज वनगा को विधानसभा में उम्मीदवारी का वादा किया था इसी के चलते घोडा का टिकट कट गया।

Created On :   7 Oct 2019 8:20 PM IST

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