गोरखपुर में भाजपा का किसान सम्मेलन, महाराष्ट्र से जाएंगे 1 हजार किसान

BJPs Kisan Morcha in Gorakhpur, 1000 farmers will join to Maharashtra
गोरखपुर में भाजपा का किसान सम्मेलन, महाराष्ट्र से जाएंगे 1 हजार किसान
गोरखपुर में भाजपा का किसान सम्मेलन, महाराष्ट्र से जाएंगे 1 हजार किसान

डिजिटल डेस्क, मुंबई। आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए किसानों को करीब लाने लिए भाजपा के किसान मोर्चा ने उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन किया है। भाजपा के किसान मोर्चे का राष्ट्रीय अधिवेशन 23 और 24 फरवरी को होगा। इसमें देश भर से लगभग एक लाख किसान जुटेंगे। महाराष्ट्र से एक हजार पार्टी के पदाधिकारी और किसान अधिवेशन में शामिल होंगे। गुरुवार को भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शंकर गौड़ा पाटील ने पार्टी के प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय अधिवेशन में किसानों को 24 फरवरी को संबोधित करेंगे। इसके साथ ही भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, भाजपा के सभी मुख्यमंत्री समेत वरिष्ठ मंत्री मौजूद रहेंगे।

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा की तरफ से राष्ट्रीय अधिवेशन उत्तर प्रदेश में करने के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। गोरखपुर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृह जिला है। गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव में भाजपा को हार मिली थी। इसलिए पार्टी यहां पर लाखों किसानों को जुटाकर पूर्वांचल समेत देश भर में बड़ा संदेश देना चाहती है। हालांकि किसान मोर्चा के नेता पाटील ने कहा कि महाराष्ट्र, कर्नाटक सहित अन्य राज्यों में राष्ट्रीय अधिवेशन हो चुका है। उत्तर भारत में अभी तक कोई बड़ा अधिवेशन नहीं होने के कारण इस बार उत्तर प्रदेश को चुना गया है। पाटील ने कहा कि राष्ट्रीय अधिवेशन के लिए किसानों से हितों से जुड़ा सुझाव दे सकता है।

पाटील ने कहा कि किसान मोर्चा ने प्रधानमंत्री से मनरेगा योजना में किसान परिवारों को शामिल करने, खाद की सब्सिडी किसानों के बैंक खाते में सीधे जमा कराने, किसानों को दस हजार रुपए पेंशन देने, पारंपरिक खेती को बढ़ावा देने समेत कई मांगें की गई हैं। शिवसेना की तरफ से किसानों की समस्याओं को लेकर भाजपा की सरकार की आलोचना करने के सवाल पर पाटील ने कहा कि शिवसेना हमारी सहयोगी पार्टी है। सहयोगी होने के कारण उसका भाजपा से ज्यादा प्रेम है। शिवसेना को आलोचना करने के बजाय किसानों के लिए बेहतर सुझाव देना चाहिए। सरकार उस पर अमल की कोशिश करेगी। 

Created On :   31 Jan 2019 10:01 PM IST

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