महाराष्ट्र में सिर्फ एक सप्ताह का रक्त बचा, कोरोना संकट से ब्लड की भारी किल्लत 

Blood stock for only one week in Maharashtra, blood crisis due to corona
महाराष्ट्र में सिर्फ एक सप्ताह का रक्त बचा, कोरोना संकट से ब्लड की भारी किल्लत 
महाराष्ट्र में सिर्फ एक सप्ताह का रक्त बचा, कोरोना संकट से ब्लड की भारी किल्लत 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ ही एक बार फिर राज्य में रक्त की किल्लत पैदा हो गई है।मुंबई के निजी व सरकारी अस्पतालों में हर ग्रुप के ब्लड की कमी देखी जा रही है। महाराष्ट्र में अगले एक सप्ताह के लिए रक्त बचा है। इस बीच राज्य के अन्न व औषध प्रशासन (एफडीए) मंत्री राजेंद्र शिंगडे ने रक्त की कमी को देखते हुए लोगों से रक्तदान की अपील की है। सूत्रों के अनुसार मुंबई के ब्लड बैंकों में सिर्फ 10 दिन तक के लिए रक्त उपलब्ध है। मुंबई में कुल 58 ब्लड बैंक हैं। रक्त संग्रह के लिए 2400 से ज्यादा ब्लड डोनेशन से जुड़े कैंप लगाए जाते थे।लेकिन कोरोना संक्रमण बढने से इनकी संख्या पिछले कुछ महीनों में लगातार कम होती जा रही है।फिलहालकरीब1200 रक्तदान शिविर ही लग पा रहे हैं। महाराष्ट्र स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल द्वारा जारी किए गए आकड़ों के मुताबिक कोरोना काल की शुरुआत से लेकर अब तक ब्लड इकट्ठा करने में लगातार गिरावट आई है। काउंसिल के संचालक डॉ. अरुण थोरात ने बताया कि राज्य के ब्लड बैंक में जहां 25000 यूनिट रक्त है तो वही मुंबई में 3500 ब्लड यूनिट जमा है। इससे सिर्फ 10 दिनों तक ही मरीजों को रक्त मिल सकेगा।डॉ. थोरात ने बताया कि कोरोना संकट के कारण लोग पहले से रक्तदान शिविर कम लगा रहे हैं। साथ ही रक्तदान करने वालों की संख्या में भी कमी आई है। 

कोरोना टीका लेने वाले पहले करें रक्तदान

खून की कमी के संकट को देखते हुए राज्य के एफडीए मंत्री शिंगडे व स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने लोगों सेरक्तदान की अपील की है। विभिन्न एनजीओ से छोटे- छोटे रक्तदान शिविर आयोजित करने के लिए कहा गया है।इसके साथ ही राष्ट्रीय रक्त संक्रमण परिषद (एनबीटीसी) ने हाल ही में दिए अपने आदेश में कहा है कि कोरोना टीका की दोनों खुराक लेने वाले28 दिन बाद ही रक्तदान कर सकेंगे। इसको देखते हुए एसबीटीसी ने लोगों को टीका लेने से पहले ब्लड डोनेट करने की अपील की है।

हर साल एकत्र होता है 20 लाख पैकेट रक्त

सालाना 20 लाख पैकेट रक्त सभी ब्लड बैंक में एकत्र हो जाते थे। राज्य की जनसंख्या करीब 13 करोड़ है जिसमें से 25 फीसदी लोग रक्तदान के लिए पात्र हैं। 18से 60 वर्ष की आयु तक रक्तदान किया जा सकता था। अब सरकार ने इसे बढ़ा कर 65 वर्ष कर दिया है। लेकिन शुगर, हाई ब्लड प्रेशर, पीलिया व हृदय रोगी रक्तदान नहीं कर सकते। साथ ही कम होमोग्लोबिन वाली महिलाओं का रक्त भी नहीं लिया जाता।  

एफडीए मंत्री राजेंद्र शिंगडे के मुताबिक महाराष्ट्र में केवल एक सप्ताह के लिए रक्त बचा है। पिछले एक साल से कोरोना संकट के कारण राज्य के सभी ब्लड बैकों में सामान्य दिनों की अपेक्षा कम रक्त जमा हो रहा है। रक्त की कमी दूर करने कोरोना के नियमों का पालन करते हुए रक्तदान शिविर आयोजित किए जाने चाहिए।’
                                       
                                           

Created On :   2 April 2021 1:08 PM GMT

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