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प्राकृतिक आपदा में मृतकों के परिजन को मिलेगी मदद, बार्ज पी-305 पर सवार 49 कर्मचारियों के शव बरामद, 26 की तलाश जारी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार ने साल 2021-22 में तूफानी चक्रवात ताऊ ते और अन्य प्राकृतिक आपदा में मृत हुए व्यक्तियों के परिजनों को आर्थिक मदद के लिए 2 करोड़ 93 लाख 33 हजार रुपए निधि वितरित करने मंजूर दी है। सरकार ने राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरफ) से यह राशि उपलब्ध कराया है। गुरुवार को राज्य के राजस्व विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है। इसके अनुसार तूफानी चक्रवात और अन्य प्राकृतिक आपदों में मृत व्यक्तियों के परिजनों और जख्मियों को आर्थिक मदद उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए सरकार ने औरंगाबाद विभागीय आयुक्त को एक करोड़ रुपए वितरित करने को मंजूर दी है। इसमें जालना के 16 लाख, औरंगाबाद के लिए 12 लाख, परभणी के लिए 12 लाख, हिंगोली के लिए 12 लाख, नांदेड़ के लिए 16 लाख, उस्मानाबाद के लिए 8 लाख, बीड़ के लिए 16 लाख और लातूर के लिए 8 लाख रुपए उपलब्ध कराए जाएंगे। नाशिक विभागीय आयुक्त को जलगांव के लिए 16 लाख रुपए मंजूर किए गए हैं। जबकि पुणे विभागीय आयुक्त को संभाग के चार जिलों के लिए 44 लाख 13 हजार और कोंकण के विभागीय आयुक्त को संभाग के 7 जिलों के लिए 1 करोड़ 36 लाख 20 हजार रुपए मंजूर किए गए हैं।
बार्ज पी-305 पर सवार 49 कर्मचारियों के शव बरामद
चक्रवात ताऊ ते के चलते अरब सागर में डूबे बार्ज पी-305 में सवार 49 लोगों के शव गुरूवार शाम तक बरामद कर लिए गए थे। इसके अलावा नौसेना के जहाज और हेलिकॉप्टर 26 अन्य लोगों की तलाश में जुटे हुए थे। इससे पहले बुधवार शाम तक बार्ज पर सवार कुल 261 लोगों ने से 186 लोगों को जिंदा बचाया गया था। नौसेना के प्रवक्ता मेहुल कार्णिक ने बताया कि राहत और बचाव का काम जारी है। बुधवार शाम तक 26 लोगों के शव बरामद किए गए थे। इसके बाद राहत और बचाव के काम में जुटी नौसेना ने 23 और लोगों के शव बरामद किए। वहीं मुंबई पुलिस ने 22 शव बरामद होने के बाद मुंबई के येलोगेट पुलिस स्टेशन में 22 एडीआर दर्ज की है। मुंबई पुलिस के प्रवक्ता डीसीपी चैतन्य एस ने बताया कि हमें 22 लोगों के शव सौंपे गए हैं इसके मुताबिक हर मामले में अलग एडीआर दर्ज कर छानबीन की जा रही है। पुलिस इस बात की जांच करेगी कि चेतावनी के बावजूद हादसा कैसे हुआ।
पेट्रोलियम मंत्री प्रधान दें इस्तीफा-कांग्रेस
ओएनजीसी के बार्ज पी-305 में हुए हादसे के लिए केंद्र सरकार की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराते हुए महाराष्ट्र कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को नैतिक जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए। गुरूवार सुबह सावंत ने कहा कि हादसे में 37 कर्मचारियों की मौत हो गई है जबकि 38 लापता हैं। यह चक्रवात ताऊ ते की अग्रिम चेतावनी के बावजूद हुआ हादसा मानवीय भूल का नतीजा है। बता दें कि शाम तक मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 49 पहुंच गया। सावंत ने कहा कि कर्मचारियों की जान खतरे में डालने के लिए जो जिम्मेदार हों उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। कोरोना संक्रमण को संभालने में मोदी लापरवाही के चलते पहले ही लाखों लोगों की जान जा चुकी है लेकिन सरकार का वही रवैया जारी है। अपनी गंभीर गलतियों से मोदी सरकार कब सबक सीखेगी। वहीं राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कई अलर्ट के बावजूद ओएनजीसी ने इसे नजरअंदाज किया। 600 कर्मचारियों को सुरक्षित जगह नहीं पहुंचाया गया और उनकी जान खतरे में डाली गई। इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों को बर्खास्त कर उनके खिलाफ गैरइरादतन हत्या के आरोप में एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।
इतने भीषण चक्रवात का नहीं था अलर्ट-एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड
बार्ज पी-305 की जिम्मेदारी संभालने वाली एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने गुरूवार को दावा किया कि चक्रवात के बारे में जारी अलर्ट सामान्य था और यह किसी खास इलाके के बारे में नहीं था। दिन में दो बार मौसम से जुडी़ जानकारी प्रसारित की जाती है। जिसमें अगले सात दिनों तक के मौसम की जानकारी भी होती है। कंपनी के ओर से जारी बयान में कहा गया है कि 14 मई को मौसम की जो जानकारी मिली थी उसमें 16 और 17 मई को 40 नॉट्स का रफ्तार से चक्रवात की चेतावनी थी। इसके मुताबिक एहतियाती कदम उठाए गए थे। लेकिन चक्रवात आया तो इसकी रफ्तार काफी ज्यादा थी और इस समय कोई कदम उठाने का मौका नहीं मिला।
Created On :   20 May 2021 8:40 PM IST