महाराष्ट्र की सियासत में उबाल : NCP के बाद अब कांग्रेस की हाईलेवल मीटिंग, देशमुख को हटाने के पक्ष में नहीं

Boil the politics of Maharashtra: Now discuss the current situation in Congress high-level meeting
महाराष्ट्र की सियासत में उबाल : NCP के बाद अब कांग्रेस की हाईलेवल मीटिंग, देशमुख को हटाने के पक्ष में नहीं
महाराष्ट्र की सियासत में उबाल : NCP के बाद अब कांग्रेस की हाईलेवल मीटिंग, देशमुख को हटाने के पक्ष में नहीं

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र में वसूली मामले को लेकर सियासी पारा ऊपर चढ़ रहा है। जहां इस मुद्दे पर बीजेपी सांसदों ने सोमवार को संसद में जमकर हंगामा किया, वहीं शिवसेना सरकार की सहियोगी पार्टी कांग्रेस ने मंधन शुरु कर दिया है। इससे पहले सरकार के घटक दलों में एनसीपी ने हाईलेवल मीटिंग की थी। अब कांग्रेस की हाईलेवल मीटिंग में महाराष्ट्र के मौजूदा हालात पर चर्चा हुई। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) के महाराष्ट्र प्रभारी एचके पाटिल ने कहा कि सीएलपी नेता, पीसीसी अध्यक्ष और महाराष्ट्र कोर ग्रुप के नेताओं के साथ एक बैठक आयोजित की गई, जो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ली गई थी। जिसमें स्थिति का जायजा और रिपोर्ट मांगी है।  

 

 

एचके पाटील ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से पार्टी नेताओं से देशमुख प्रकरण को लेकर चर्चा की। पाटील ने प्रेस को जारी बयान में बताया कि मैंने कांग्रेस विधायक दल के नेता व राजस्व मंत्री बाला साहेब थोरात, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले और पीडब्ली मंत्री अशोक चव्हाण से देशमुख मामले को लेकर चर्चा की है। थोरात और चव्हाण मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिल कर इस बाबत चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि देशमुख ने भी मुख्यमंत्री से निष्पक्ष जांच की मांग की है। पाटील ने कहा कि राकांपा ने भी कहा है कि अंतिम फैसला मुख्यमंत्री ठाकरे लेंगे। इस मामले में मुख्यमंत्री जल्द से जल्द फैसला लेंगे। इस बीच थोरात व चव्हाण ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर इस मामले में कांग्रेस की भूमिका ठाकरे के सामने रखा। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस देशमुख को हटाने के पक्ष में नहीं है। कांग्रेस नेताओं का मानना है कि एक अधिकारी के आरोप के आधार पर किसी मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की गई, तो सरकार चलाना मुश्किल हो जाएगा। 

परमबीर ने दबाव में लिखा पत्रः थोरात

कांग्रेस विधायक दल के नेता व राज्य के राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराक ने सोमवार को कहा कि पूर्व मुम्बई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने शायद दबाव में आकर राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ वह पत्र लिखा होगा, जिसमें उन्होंने मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। थोरात ने एक वीडियो संदेश में कहा कि महाराष्ट्र के कांग्रेस प्रभारी एच के पाटिल ने राज्य में पार्टी के नेताओं के साथ इस मामले को लेकर चर्चा की और मामले पर उनकी राय समझने की कोशिश की। थोरात ने कहा-एच के पाटिल ने दिल्ली से इस मुद्दे पर हमसे चर्चा की। उन्होंने हमारी राय समझने की कोशिश की। थोरात ने कहा कि अगर इस संबंध में कोई भी फैसला किया गया, तो वह महाविकास आघाडी (एमवीए) के घटक दलों के बीच चर्चा करने के बाद लिया जाएगा। शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस एमवीए में शामिल है। 
 

उधर बीजेपी (BJP) महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग पर अड़ी है। संसद के अंदर और बाहर भी आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा। वहीं आरोपों से घिरे गृह मंत्री अनिल देशमुख के बचाव में फिर एनसीपी सुप्रीमों शरद पवार मैंदान में दिखे। पवार ने कहा कि देशमुख पर लगे आरोपों में दम नहीं है, लिहाजा इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता। 

शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में आरोप लगाया कि फडणवीस और मोदी-शाह के बीच मुलाकात हुई थी। जिसके बाद परमबीर सिंह की चिट्ठी लीक हुई। भाजपा परमबीर सिंह के मुद्दे को बेवजह तूल देकर सरकार को बदनाम करने रही है। ये सबकुछ साजिश का हिस्सा है। 

 

 

इस मसले पर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि हमें महाराष्ट्र सरकार गिराने की जरूरत नहीं है। इतने आरोप-प्रत्यरोप और मामले सामने आ रहे हैं कि सरकार अपने कारनामों से खुद ही गिरेगी और इसके बाद हम सरकार बनाएंगे।

 

 

 

Created On :   22 March 2021 6:34 PM IST

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