राज्य सरकार ने एसटी महामंडल को चुकाए 220 करोड़, हाईकोर्ट हुआ था नाराज

Bombay High court angry over non-reimbursement to ST Mahamandal
राज्य सरकार ने एसटी महामंडल को चुकाए 220 करोड़, हाईकोर्ट हुआ था नाराज
राज्य सरकार ने एसटी महामंडल को चुकाए 220 करोड़, हाईकोर्ट हुआ था नाराज

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार ने महाराष्ट्र राज्य मार्ग परिवहन महामंडल (एसटी) को 220 करोड़ रुपए प्रदान किया है। सरकार ने एसटी को अगस्त से नवंबर 2019 के बीच विभिन्न यात्रा सहूलियत मूल्य की प्रतिपूर्ति के ऐवज में यह राशि उपलब्ध कराई है। मंगलवार को एसटी महामंडल की ओर से यह जानकारी दी गई। एसटी महामंडल ने कहा कि सरकार की ओर से दिए गए आदेश के अनुसार बस यात्रियों को 33 प्रतिशत से लेकर 100 प्रतिशत तक सहूलियत दी जाती है। एसटी के किराए में रियायत की भरपाई सरकार की ओर से की जाती है। एसटी ने अगस्त से नवंबर 2019 (चार माह) के बीच बस यात्रियों को दी गई 478 करोड़ 95 लाख 74 हजार 222 रुपए की सहूलियत की मांग सरकार से की थी। इसमें से सरकार ने 220 करोड़ रुपए एसटी के लिए मंजूर किया है।  
 

एसटी महामंडल को प्रतिपूर्ति न दिए जाने पर हाईकोर्ट नाराज

बांबे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन महामंडल (एमएसआरटीसी) की ओर से किराए में दिव्यांगों, वरिष्ठ नागरिकों, खिलाड़ियों, स्वतंत्रता सेनानी, पत्रकार व वरिष्ठ नागरिकों को दी जानेवाली रियायत की प्रतिपूर्ति न किए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और इस स्थिति से बचने को कहा था। हाईकोर्ट ने कहा कि यदि प्रतिपूर्ति के मुद्दे का समाधान नहीं निकाला जाता है तो हम संबंधित लोगों से इसका स्पटीकरण मांगेगे की क्यों ने एमएसआरटीसी को स्वतंत्र रुप से काम करने की इजाजत दी जाए। ताकि वह जनहित में अपनी बेहतर सेवा दे सके। हाईकोर्ट ने कहा कि हम एमएसआरटीसी से अपेक्षा नहीं कर सकते हैं कि वह नुकसान का सामना करे और प्रतिपूर्ति के पैसे की वसूली के लिए मुकदमेबाजी में पड़े। हाईकोर्ट में पेशे से वकील दत्ता माने की जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिका में दावा किया गया है कि विभिन्न वर्गों को एमएमआरटीसी की ओर से दी जा रही रियायत के चलते उसे नुकसान का सामना करना पड़ा रहा है। इसलिए संबंधित विभागों को रियायत की रकम का भुगतान करने के लिए कहा जाए। याचिका में कहा गया है कि शिक्षा, समाजिक न्याय, सूचना व जनसंपर्क विभाग तथा सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से पैसों का भुगतान नहीं किया जा रहा है। यदि पैसों का भुगतान नहीं किया गया तो एमएमआरटीसी की ओर से विभिन्न वर्ग के लोगों को किराए में दी जानेवाली रियायत को बंद किया जा सकता है। 

 

Created On :   4 Feb 2020 2:31 PM GMT

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