ईसाई समुदाय की याचिका पर हाइकोर्ट की टिप्पणी, धर्मनिरेपेक्षता को कायम रखना चाहिए

bombay high court commented on Petition of Christian Community
ईसाई समुदाय की याचिका पर हाइकोर्ट की टिप्पणी, धर्मनिरेपेक्षता को कायम रखना चाहिए
ईसाई समुदाय की याचिका पर हाइकोर्ट की टिप्पणी, धर्मनिरेपेक्षता को कायम रखना चाहिए

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि यदि हम धर्म निरपेक्ष राज्य होने का दावा करते हैं, तो उसे कायम रखना चाहिए। किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि वे सर्वश्रेष्ठ हैं, लेकिन अदालत के सामने सब समान हैं। हाईकोर्ट ने सोमवार को ईसाई समुदाय के लोगों के कब्रिस्तान के लिए पर्याप्त जगह न देने को लेकर यूनाइटेड क्रिस्चियन कम्युनिटी सेंटर की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह तल्ख टिप्पणी की। मुख्यन्यायाधीश मंजुला चिल्लूर और न्यायमूर्ति एम एस सोनक की खंडपीठ ने सरकार के नगर विकास विभाग को शुक्रवार तक मामले का हल निकालने को कहा है। साथ ही कहा कि हम धर्म निरपेक्षता में विश्वास रखते है, इसे बरकरार रखना चाहिए। विविधता में एकता हमारी पहचान है। जो हकीकत में भी नजर आनी चाहिए।

ईसाई समुदाय के कब्रिस्तान का मामला
खंडपीठ ने कहा कि क्या कोई लोगों को मरने से रोक सकता हैं । सिर्फ औपचारिकता के लिए कब्रिस्तान के लिए जमीन नहीं दे रही हैं। इसलिए सरकार समुदाय की जरुरत को समझे और ईसाई समुदाय को पर्याप्त जमीन आवंटित करे। अदालत में मौजूद अधिकारियों को ताकीद करते हुए खंडपीठ ने कहा कि वे इस मामले का हल निकाले नहीं तो हमें मुख्य सचिव को निर्देश देना पड़ेगा। जो हम फिलहाल नहीं चाहते है। हर किसी को अपने ईश्वर और आस्था पर विश्वास करने का हक है। किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता हैं। सरकार को सभी पर समान नजर रखनी चाहिए। यदि के साथ भेदभाव होता है, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है।

अदालत के सामने सब समान
सुनवाई के दौरान याचिका कर्ता के वकील यशवंत शिनॉय ने कहा कि खार से दहिसर के बीच ईसाई समुदाय के कब्रिस्तान के लिए कोई जगह नहीं दी गई हैं। गोरेगांव मे साढ़े सात हजार वर्ग मीटर जगह दी जानी थी। कुछ समय बाद जमीन का क्षेत्रफल घटाकर ढाई हजार वर्ग मीटर कर दिया गया। यह जमीन भी नहीं दी गई। सरकारी वकील गीता शास्त्री ने कहा कि सरकार जरूरी जमीन देगी। उन्हें इस मामले में हलफनामा दायर करने के लिए वक़्त दिया जाए। सुनवाई के दौरान ईसाई समुदाय के धर्म गुरु सहित कई लोग उपस्थित थे। फिलहाल हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई 17 नवंबर तक टाल दी हैं।

Created On :   13 Nov 2017 4:25 PM GMT

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