कंगना का ट्विटर अकाउंट निलंबित करने की मांग, हाईकोर्ट में दायर हुई याचिका

‌Bombay High court gives relief to doctor in gender test case
कंगना का ट्विटर अकाउंट निलंबित करने की मांग, हाईकोर्ट में दायर हुई याचिका
कंगना का ट्विटर अकाउंट निलंबित करने की मांग, हाईकोर्ट में दायर हुई याचिका

डिजिटल डेस्क, मुंबई। फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत का ट्विटर अकाउंट निलंबित किए जाने की मांग को लेकर बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। यह याचिका पेशे से वकील अली कासिफ खान ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि जैसे उनकी बहन रंगोली का ट्विटर अकाउंट निलंबित किया गया है वैसे कंगना का भी एकाउंट निलंबित किया जाए जिससे सामाजिक वैमनस्यता व देश का सामाजिक सौहार्द बिगड़ने से बचाया जा सके।  

लिंग परीक्षण मामले में हाईकोर्ट ने डॉक्टर को दी राहत, निचली अदालत ने ठहराया था दोषी

बांबे हाईकोर्ट ने लिंग परीक्षण के मामले में एक डॉक्टर को राहत देते हुए निचली अदालत के उस निर्णय को रद्द कर दिया है। जिसमें उसे इस मामले में दोषी पाया गया था। डाक्टर ने दावा किया था कि उसे इस मामले दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं और उसके खिलाफ मामला दर्ज करने में नियमों का पालन नहीं किया गया है। न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण के सामने डाक्टर की अपील पर सुनवाई हुई। डाक्टर पर साल 2006 में तीन हजार रुपए लेकर एक महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे का लिंग परीक्षण करने का आरोप था। निचली अदालत ने डाक्टर को इस मामले में 6 माह की सजा सुनाई थी। जिसे पुणे की सत्र न्यायालय ने भी कायम रखा था। इसलिए डाक्टर ने हाईकोर्ट में अपील की थी। 

सामाजिक कार्यकर्ता की शिकायत के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने डॉक्टर के क्लिनिक में एक महिला को भेजा गया था। जिसने डाक्टर पर गर्भ में पल रहे बच्चे की पहचान करने के लिए पैसे मांगने का आरोप लगाया था। इसके बाद पुणे के आरोपी डाक्टर के खिलाफ पुलिस में लिंग परीक्षण प्रतिबंधक कानून के तहत मामला दर्ज कराया गया था। 

न्यायमूर्ति ने कहा कि निचली अदालत ने आरोपी डाक्टर मोहन कुमार नगाने को दोषी ठहराते समय मामले से जुड़े कई तथ्यों पर विचार नहीं किया है। इसलिए निचली अदालत का आदेश खामीपूर्ण हैं। लिहाजा इसे रद्द किया जाता है। क्योंकि आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कराने से जुड़ी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है। इसके अलावा जो पैसे आरोपी को देने की बात कही गई है वह आरोपी के पास नहीं मिले थे। वह किसी और की कार में मिले। इस तथ्य पर भी निचली अदालत ने विचार नहीं किया है। 
 

Created On :   3 Dec 2020 3:57 PM GMT

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