- दिल्ली: संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर में किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया। सिंघू बॉर्डर से किसानों की ट्रैक्टर रैली यहां पहुंची थी।
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स्वास्थ्य और पुलिसकर्मियों की कराई जाए कोरोना जांच

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सिजिटन्स फोरम फॉर इक्विलिटी ने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर करके कोरोना से जंग लड़ रहे डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मियों, पुलिसकर्मियों और अन्य लोगों की कोरोना जांच का मुद्दा उठाया है। मामले में याचिकाकर्ता का पक्ष सुनकर न्या.मनीष पितले की खंडपीठ ने गुरुवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, आईसीएमआर, नागपुर जिलाधिकारी और मनपा आयुक्त को नोटिस जारी कर 5 मई तक जवाब मांगा है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता तुषार मंडलेकर ने हाईकोर्ट में दलील दी कि फ्रंटलाइन पर काम कर रहे ये लोग अपनी जान दांव पर लगा कर कोरोना से जंग लड़ रहे हैं। इस बीच एक बार भी जांच करके यह नहीं देखा गया कि ये लोग स्वस्थ हैं या नहीं। आईसीएमआर ने अभी सिर्फ लक्षण दिखने पर ही जांच करने का नियम बना रखा है। ऐसी स्थिति में कोरोना का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है। ऐसी स्थिति में कोरोना वॉरियर्स की फौरन जांच होनी चाहिए। यहीं नहीं, इन लोगों की नियमित तौर पर जांच की व्यवस्था होनी चाहिए। ताकि किसी भी प्रकार की क्षति को समय रहते रोका जा सके। याचिका में सरकार द्वारा पुलिसकर्मियों की सुरक्षा के प्रति लापरवाही बरतने का भी आरोप लगाया गया है। याचिकाकर्ता के अनुसार कोरोना संक्रमण के बीच अपनी ड्यूटी निभा रहे पुलिसकर्मियों के लिए सरकार ने अब तक कोई गाइडलाइन नहीं बनाई है। हां, 55 वर्ष से अधिक उम्र के पुलिसकर्मियों को ड्यूटी से जरूर दूर रखा गया है। लेकिन यह पर्याप्त नहीं है।
मामले में केंद्र सरकार की ओर से एड.उल्हास औरंगाबादकर, राज्य सरकार की ओर से एड.सुमंत देवपुजारी और मनपा की ओर से एड.सुधीर पुराणिक ने पक्ष रखा।
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डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।