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चीनी का विकल्प बन रही मीठी तुलसी, महाराष्ट्र में लगेगा पहला कारखाना

डिजिटल डेस्क, मुंबई। दुनियाभर में चीनी का विकल्प बन रहे स्टीविया यानि मीठी तुलसी के प्रोसेसिंग के लिए देश का पहला कारखाना मुंबई के समीप वाडा और छत्तीसगढ़ के दंतेवाडा में शुरु किया जाएगा। देश में औषधी खेती को बढ़ावा देने में जुटे छत्तीसगढ़ स्थित बस्तर के किसान डॉ राजाराम त्रिपाठी की कंपनी यह कारखाना लगाएगी। मुंबई प्रेस क्लब में डॉ त्रिपाठी ने बताया कि फिलहाल देश में स्टीविया की खेती बड़े पैमाने पर नहीं हो रही है। पहली बार ठाणे जिले के वाडा और छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाके दंतेवाडा में मां धंतेश्वरी हर्बल लिमिटेड यह कारखाना लगाने जा रही है। उन्होंने बताया कि वाडा के कारखाने के लिए सालाना 2800 टन स्टीविया के पत्तों की जरूरत होगी। इसके लिए आसपास के किसानों को स्टीविया की खेती के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
खेती के लिए किसानों का समूह बनेगा
स्टीविया की खेती के लिए किसानों का समूह बनाया जाएगा। कारखाने के लिए कच्चा माल महाराष्ट्र के किसान उपलब्ध कराएंगे। इससे यहां के किसानों को आर्थिक लाभ होगा। उन्होंने बताया कि चीनी से 300 गुना अधिक मीठे स्टीविया में शून्य कैलोरी होता है। उन्होंने कहा कि इससे किसानों की आर्थिक स्थित सुधर सकेगी। जब से सरकार ने खाद्य व पेय पदार्थों में इसके इस्तेमाल की अनुमति दी है। देश-विदेश में स्टीविया की मांग तेजी से बढ़ रही है। काउंसिल आफ साईंटिफिक एंड इंजस्ट्रीयल रिसर्च (सीएसआईआर) ने बिना कडूवाहट वाली स्टीविया की नई वेरायटी विकसित की है। सीएसआईआर के साथ मां दंतेश्वरी हर्बल लिमिटेड ने दो करार किए हैं। इस नई वेरायटी की खेती दंतेवाडा और वाडा में करने के साथ ही सीएसआईआर ने स्टीविया की पत्तियों से चीनी तैयार करने की तकनीक भी मां दंतेश्वरी हर्बल लिमिटेड को देगी। डा त्रिपाठी ने बताया कि कडूवाहट रहित स्टीविया दुनिया को भारत की देन है।
डायबटीज के लिए वरदान यह पत्तियां
स्टीविया मूलरुप से पेराग्वे का पौधा है। दुनियाभर में यह चीनी का विकल्प बन रहा है। शून्य कैलोरी वाला मीठा होने के कारण यह सेहत के लिए लाभदायक माना जाता है। डॉ त्रिपाठी के अनुसार जापान में चीनी के विकल्प के तौर पर स्टीविया का इस्तेमाल 61 फीसदी तक पहुंच गया है। फिलहाल छत्तीसगढ के कोंडागाव में इसकी खेती शुरु हुई है। डॉ त्रिपाठी बताते हैं कि कम कैलोरी के कारण स्टीविया से शरीर में शुगर का लेबल नहीं बढ़ता। स्टीविया की पत्तियां बाजार में पांच से 6 हजार रुपए किलो बिकती हैं। भारत में स्टीविया को मीठी तुलसी के नाम से भी जानते हैं।
Created On :   10 May 2018 6:13 PM IST