कोरोना पीड़ित मरीज के परिवार का बहिष्कार, लोग गांव छोड़ने के लिए कर रहे मजबूर

Boycott of Corona afflicted family, people forced to leave village
कोरोना पीड़ित मरीज के परिवार का बहिष्कार, लोग गांव छोड़ने के लिए कर रहे मजबूर
कोरोना पीड़ित मरीज के परिवार का बहिष्कार, लोग गांव छोड़ने के लिए कर रहे मजबूर

डिजिटल डेस्क, पुणे। कोरोना के पांच मरीजों का खुलासा हुआ है। जिसके बाद एक मरीज के परिवार पर मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा, एक तो परिवार के सदस्य की बीमारी को लेकर चिन्ता सता रही है, ऊपर से अब उन्हें गांव छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है। दरअसल मरीज के भाई ने बताया कि गांववालों ने उनके परिवार का बहिष्कार कर दिया है। साथ ही उन्हें गांव छोड़ने के लिए मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। सोलापुर निवासी शख्स ने बताया कि वो मरीज का भाई है, बीमारी की खबर मिलते ही वो भाई के परिवार की देखरेख के लिए आ गया था। लेकिन जैसे ही मीडिया में भाई का नाम लेकर खबर आई, तो गांव के लोग घर आ गए और गांव छोड़कर जाने के लिए दबाव बनाने लगे। 

गांववालों का कहना था कि यह बीमारी अब उनके इलाके में फैल सकती है। परेशान शख्स ने बताया कि एक तरफ भाई बीमार है और दूसरी ओर गांववाले मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं। जिससे वो काफी परेशानी झेल रहा हैा। इस मामले को लेकर विभागीय आयुक्त और जिलाधिकारी से भी शिकायत की गई है।  

उधर महानगरपालिका के नायडू अस्पताल में कोरोना के मरीजों को रखा गया हैं। अस्पताल के पास सेवक बस्ती के रहवासियों ने आरोप लगाया कि प्रशासन उनकी सेहत की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है। वहां के एक रहवासी ने कहा कि पिछले 60 सालों से वे यहां रह रहे हैं। स्वाइन फ्लू, प्लेग जैसी खरतनाक बीमारियां देख चुके हैं। अब कोरोना भी देख रहे हैं। बस्ती में डर का माहौल बना है, हालांकि एहतियात बरती जा ही है, लेकिन प्रशासन कोई सुध नहीं ले रहा है। बस्ती में नियमित रूप से दवाईयां मुहैया कराने, स्वास्थ्य जांच, मास्क वितरण की मांग की जा रही है।

Created On :   11 March 2020 2:44 PM GMT

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