Pune City News: विवाह मंडल के नाम पर फर्जीवाड़ा

विवाह मंडल के नाम पर फर्जीवाड़ा

    भास्कर न्यूज, पुणे। शादी-ब्याह के नाम पर चल रहे बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। कुछ तथाकथित विवाह मंडल युवक-युवतियों के फोटो और प्रोफाइल का उपयोग वधू-वर खोजने वाले परिवारों को झूठी जानकारी देकर पैसे ऐंठने में कर रहे थे। राज्य महिला आयोग की दखल के बाद स्वारगेट पुलिस थाने में तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

    मामले की जांच में सामने आया कि आरोपी विवाह मंडल इंटरनेट पर युवक-युवतियों के फोटो लेकर उनकी अलग-अलग प्रोफाइल तैयार करते थे। प्रोफाइल में नाम, जाति और पारिवारिक जानकारी बदल दी जाती थी और फिर उन्हें शादी के लिए लड़की या लड़का ढूंढ रहे परिवारों को भेजा जाता था। पूरा खेल विवाह मंडल के मिलीभगत से चलता था। राज्य महिला आयोग के पास शिकायत दर्ज होने के बाद आयोग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच का आदेश दिया। रिपोर्ट सामने आने के बाद स्वारगेट पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया। आरोपियों की पहचान प्रतिभा योगेश तरसे (स्वामीकृपा धर्ती, धन रो हाउस, रोहिणीनगर, नाशिक), विद्या देशपांडे और निलेश केशव वर्हाड़े (श्री दत्त रो हाउस, नाशिक) के रूप में हुई है। पुणे के महर्षिनगर निवासी अधिवक्ता राजेश रामचंद्र बेल्हेकर (61) ने पुलिस को बताया कि वे बेटे के लिए लड़की की तलाश कर रहे थे। 9 मार्च-25 को एक समाचार पत्र में ‘वर चाहिए’ कॉलम में शुभऋषी विवाह मंडल का विज्ञापन देखा। उन्होंने दिए गए नंबर पर संपर्क किया, जहां से उन्हें सासवड़ की लड़की का प्रोफाइल और फोटो भेजा गया। बेल्हेकर ने बेटे का फोटो भेजा तो अगले ही दिन मंडल की ओर से संदेश आया कि लड़की की तरफ से रिस्पांस मिला है और वेबसाइट एक्सेस के लिए 3,500 रुपए की वार्षिक फीस गूगल पे या फोन पे से जमा करने को कहा गया।

    उन्होंने तत्काल भुगतान नहीं किया और कुछ दिनों बाद मामला छोड़ दिया। 2 अप्रैल को जब एक और विज्ञापन देखा, तो उन्होंने दूसरे नंबर पर संपर्क किया, जो विद्या देशपांडे का था। देशपांडे ने पहले दौंड की लड़की का प्रोफाइल भेजकर उनका भरोसा जीता, फिर कात्रज की दो और लड़कियों के प्रोफाइल भेजे और 3,500 की जगह 3,000 रुपए फीस मांगी। पैसे देने के बाद देशपांडे ने पांचों लड़कियों के संपर्क विवरण देने का आश्वासन दिया, लेकिन बाद में लगातार टालती रही। जब बेल्हेकर ने बार-बार जानकारी मांगी, तब देशपांडे ने दौंड और कात्रज की दो लड़कियों की मां के नंबर दिए। मगर जांच में पाया गया कि धायरी की एक लड़की का पता और नंबर झूठे थे, जबकि बाकी के पते अब तक नहीं मिले। इतना ही नहीं, एक लड़की ने मना कर झूठी जानकारी दी, जबकि पहले उसी की ओर से सहमति बताई गई थी।

    शिकायतकर्ता ने पुलिस को जानकारी दी कि जब दो अलग-अलग विवाह मंडलों से संपर्क किया तो पाया कि जिन लड़कियों के फोटो एक मंडल ने भेजे थे, वही फोटो दूसरे मंडल ने भी भेजे, बस नाम बदल दिए गए थे। इससे शक हुआ और मैंने मामले की तहकीकात की। ये मंडल झूठे फोटो, फर्जी प्रोफाइल और गलत जानकारी देकर भोले लोगों से पैसे वसूल रहे हैं। यह संगठित रैकेट है।

    Created On :   30 Oct 2025 4:12 PM IST

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