रिश्वतखोर पुलिस अधिकारी को 4 साल का कठोर कारावास, रिश्वत लेते रंगे हाथ हुआ था गिरफ्तार

Bribery police officer arrested for 4 years rigorous imprisonment, red-handed taking bribe
रिश्वतखोर पुलिस अधिकारी को 4 साल का कठोर कारावास, रिश्वत लेते रंगे हाथ हुआ था गिरफ्तार
रिश्वतखोर पुलिस अधिकारी को 4 साल का कठोर कारावास, रिश्वत लेते रंगे हाथ हुआ था गिरफ्तार



डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। विशेष सत्र न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम ने एक पुलिस अधिकारी के द्वारा 6 साल पहले रिश्वत लेने के एक मामले में निर्णय सुनाते हुए आरोपी पुलिस अधिकारी को अधिकतम 4 साल के कठोर कारावास और 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। लोकायुक्त जबलपुर की टीम ने लगभग 6 साल पहले 4 सितंबर 2014 को हिवरखेड़ी चौकी में पदस्थ एएसआई बोधसिंह चंदेल को प्रार्थियों से 3 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा। लोकायुक्त जबलपुर के निरीक्षक अजय सनकत के नेतृत्व में लोकायुक्त पुलिस ने आरोपी एएसआई के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कर प्रकरण सुनवाई के लिए प्रकरण विशेष सत्र न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में प्रस्तुत किया था। न्यायालय ने सुनवाई के बाद आरोपी एएसआई बोधसिंह चंदेल को दोषी पाते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 में 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5 हजार रु. अर्थदंड एवं धारा 13(1)(डी), सहपठित धारा 13(2) मेेंं 4 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 5 हजार रु. अर्थदंड से दंडित किया है।
पक्षद्रोही हो गया था शिकायतकर्ता, अभियोजन ने नहीं मानी हार-
लोकायुक्त के द्वारा रंगे हाथों रिश्वत लेते पकड़े जाने के इस मामले में जब विशेष सत्र न्यायालय में सुनवाई चल रही थी। इस दौरान शिकायतकर्ता पक्षद्रोही घोषित कर दिया गया। उसके बाद भी अभियोजन पक्ष ने हार नहीं मानी जिला अभियोजन अधिकारी समीर कुमार पाठक ने न्यायालय में प्रकरण की सशक्त पैरवी की ताकी दोषी को सजा मिल सके। न्यायालय ने सुनवाई पूरी होने के बाद आरोपी को दोषी करार दिया है।  
मारपीट के मामले में चालान पेश करने मांगी थी रिश्वत-
इस मामले में शिकायत कर्ता इंद्र कुमार वर्मा है। शिकायतकर्ता ने लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई थी कि अगस्त 2014 में उसके पिता औरभाईयों का झगड़ा गांव के ही एक देवीलाल नामक ग्रामीण से हुआ था। विवाद की शिकायत हिवरखेड़ी चौकी में की गई थी जिस पर पुलिस ने उसके पिता, भाई और चाचा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। मामले की जांच एएसआई बोधसिंह चंदेल कर रहा था। जांच के बाद बोधसिंह चंदेल ने न्यायालय में प्रकरण का चालान प्रस्तुत करने के लिए 5 हजार रुपए रिश्वत की मांग की थी। जिसकी शिकायत उन्होंने लोकायुक्त जबलपुर को कर दी और पुलिस अधिकारी रंगे हाथों पकड़ा गया।

Created On :   20 Jan 2021 6:12 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story